शिलांग, 30 दिसंबर (भाषा) वर्ष 2047 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की घोषणा, चुनाव में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी)- को बहुमत, विनाशकारी बाढ़ का कहर और करोड़ों रुपये के सड़क परियोजना घोटाले का पर्दाफाश होने के साथ साल 2024 में मेघालय कई घटनाक्रम का गवाह बना।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यहां पोलो मैदान में तिरंगा फहराते हुए मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने 2047 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए ‘विकसित मेघालय’ नामक रोडमैप का शुभारंभ किया था।
संगमा ने कहा था, ‘‘2047 में जब हम अपने राज्य की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ और देश की आजादी के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाएंगे, उस समय तक मैं 100 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था वाले एक ‘विकसित मेघालय की आकांक्षा रखता हूं…।’’
राज्य में इस वर्ष अगस्त माह में एनपीपी को उस समय मजबूती मिली जब कांग्रेस के कुल चार विधायकों में से तीन विधायक सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो गए, जिससे 60 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारुढ़ पार्टी के सदस्यों की संख्या बढ़कर 31 पहुंच गई।
एनपीपी ने मेघालय में अपने दम पर बहुमत हासिल किया है और यहां उसकी, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी)] भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा अन्य पार्टियों की गठबंधन सरकार है।
प्रदेश में कांग्रेस इकाई के पूर्व प्रमुख सेलेस्टीन लिंगदोह, गेब्रियल वाह्लांग तथा चार्ल्स मार्नगर ने विधानसभा अध्यक्ष थॉमस ए संगमा से मुलाकात की और उन्हें एनपीपी में शामिल होने के अपने फैसले से अवगत कराया।
पूर्वोत्तर राज्य में 2024 में हुई मूसलाधार बारिश के कारण आई विनाशकारी बाढ़ में दो बच्चों सहित 17 लोगों की मौत हो गई थी।
मेघालय इस वर्ष एक सड़क के निर्माण में ठेकेदारों और राज्य इंजीनियरों से जुड़े करोड़ों रुपये के घोटाले के कारण भी सुर्खियों में रहा था।
इस संबंध में दर्ज प्राथमिकी में राज्य सरकार के वरिष्ठ इंजीनियरों और तेलंगाना तथा हरियाणा स्थित दो निजी कंपनी के कर्मियों सहित नौ लोगों को नामजद किया गया है।
लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘कई खामियों के कारण सरकार को 2,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली सड़क परियोजना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराने पर मजबूर होना पड़ा।’’
राज्य की राजधानी शिलांग को नोंगस्टोइन और रोंगजेंग के माध्यम से तुरा से जोड़ने वाली सड़क परियोजना को केंद्र सरकार के विशेष सड़क विकास कार्यक्रम-उत्तर पूर्व के हिस्से के रूप में 2010 में मंजूरी दी गई थी।
इस वर्ष की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा था कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को लेकर मेघालय की चिंताओं का समाधान कर दिया गया है क्योंकि राज्य के ज्यादातर हिस्से संविधान की छठी अनुसूची के तहत आते हैं जिसे कानून से छूट मिली हुई है।
एनपीपी के प्रमुख संगमा ने अपने राज्य में बाहरी लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने वाली ‘इनर लाइन परमिट (आईएलपी)’ व्यवस्था की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
उन्होंने आईएलपी को राज्य में लागू करने के लिए राज्य विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव का भी उल्लेख किया। आईएलपी व्यवस्था लागू करने के लिए मेघालय विधानसभा में 2019 में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। इसके तहत, भारत के दूसरे राज्यों जैसे अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर से आने वाले ‘बाहरी’ लोगों को विशेष परमिट लेना होता है।
मेघालय में 2024 के दौरान पहली बार किसी निजी विश्वविद्यालय को मेडिकल कॉलेज संचालित किए जाने के लिए लाइसेंस दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पीए संगमा इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज ने 150 छात्रों के साथ अपना एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू किया, जिनमें से 64 छात्र मेघालय से थे।
भाषा यासिर नरेश मनीषा
मनीषा
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