दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
आज के विशेष रूप से प्रदर्शित कार्टून में रविवार को रायबरेली के पास सड़क दुर्घटना में बची उन्नाव बलात्कार पीड़िता, जिसके बाद से आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ मामला काफी गहरा गया है, के मामले में सतीश आचार्य अपना नज़रिया व्यक्त करते हैं. मामले की सीबीआई जांच चल रही है.
नाला पोनप्पा ने सूचना के अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2019 पर अपना नज़रिया प्रकट किया है, जो राज्यसभा में विपक्षी दलों के वॉकआउट के बाद पारित किया गया है.
साजित कुमार ने भाजपा के राज्य प्रमुख बी.एस. येदियुरप्पा की ओर ध्यान खींचा है, जो कर्नाटक विश्वास मत जीत कर एक बार फिर मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री, येदियुरप्पा ने पहले सरकार में बहुमत साबित करने में असमर्थ होने पर पद संभालने के दो दिनों के भीतर इस्तीफा दे दिया था.
मंजुल ने सूचना के अधिकार (2005) अधिनियम में किए गए विवादास्पद संशोधनों का मज़ाक उड़ाया है, जो कि सरकार की नीतियों और कार्यों के बारे में एक नागरिक के फाइन प्रिंट को पढ़ने के लिए ताकत को बाधित करेगा.
आलोक निरंतर ने अपने कार्टून में बाढ़ और एनआरसी को एक जैसा दिखाया है. अत्यधिक बाढ़ की चपेट में असम के नागरिकों का आना और दूसरी तरफ नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स (NRC) अपडेशन. इससे विदेशी समझ कर राज्य में सैकड़ों लोगों को हिरासत में रखा गया है.
मीका अज़ीज़ समाजवादी पार्टी के सांसद आज़म खान पर कटाक्ष करते हैं, जो भाजपा की रमा देवी के खिलाफ अपनी कामुक टिप्पणी के लिए मुसीबत में फंस गये. यह पहली बार नहीं है कि खान के शब्दों ने उन्हें परेशान किया है – भाजपा नेता जया प्रदा के खिलाफ गलत टिप्पणी करने के लिए 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान उनक प्रचार पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया था.
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