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Tuesday, 24 December, 2024
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राज्यों के रियायतें देने से बुनियादी ढांचे का विकास हो सकता है प्रभावित : आरबीआई लेख

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मुंबई, 24 दिसंबर (भाषा) कई राज्यों के अपने 2024-25 के बजट में घोषित रियायतों के चलते महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे का विकास प्रभावित हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक लेख में मंगलवार को यह आशंका जताई गई।

आरबीआई बुलेटिन के दिसंबर अंक में प्रकाशित लेख के मुताबिक, केंद्र और राज्यों, दोनों के मामले में अप्रैल-सितंबर, 2024-25 में बजट अनुमान के प्रतिशत के अनुसार सकल राजकोषीय घाटा कम हुआ है। ऐसा मुख्य रूप से मजबूत प्राप्तियों, राजस्व व्यय वृद्धि के धीमा होने और पूंजीगत व्यय में गिरावट के कारण हुआ।

लेख के मुताबिक, इससे उन्हें 2024-25 के उत्तरार्ध में पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए राजकोषीय गुंजाइश मिलती है। इससे मध्यम अवधि में वृद्धि संभावनाओं का समर्थन करने में मदद मिलेगी।

लेख में आगे कहा गया है कि कई राज्यों ने अपने 2024-25 के बजट में रियायतों की घोषणा की है। हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र और झारखंड समेत कई राज्यों ने कृषि और घरेलू क्षेत्र के लिए मुफ्त बिजली, मुफ्त परिवहन, बेरोजगार युवाओं को भत्ते और महिलाओं को मौद्रिक सहायता सहित कई रियायतों की घोषणा की है।

इसमें कहा गया कि केंद्र ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के कर संग्रह में वृद्धि दर्ज की है और यह रुझान जारी रहने की उम्मीद है।

आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखकों के हैं और उसके विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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