नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) दूरसंचार नियामक ट्राई ने बृहस्पतिवार को कहा कि अनचाही कॉल एवं संदेशों (स्पैम) पर अंकुश लगाने के लिए दूरसंचार कंपनियों को एसएमएस का स्रोत सुनिश्चित करने संबंधी आदेश से संदेश या ओटीपी मिलने में कोई देरी नहीं होगी।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उन रिपोर्टों को ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ बताते हुए खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि एक दिसंबर से ओटीपी संदेश मिलने में देरी हो सकती है।
ट्राई ने कहा, ‘यह सूचना तथ्यात्मक रूप से गलत है। ट्राई ने सेवा प्रदाताओं को संदेश भेजने वाले की पहचान सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य आदेश दिया है। इससे किसी भी संदेश की आपूर्ति में देरी नहीं होगी।’
दूरसंचार नियामक का यह स्पष्टीकरण कुछ मीडिया रिपोर्टों के बाद आया है जिनमें कहा गया था कि दूरसंचार नेटवर्क के ग्राहकों को बैंकिंग सेवाओं और ई-कॉमर्स जैसे ओटीपी-आधारित लेनदेन में व्यवधान और देरी का सामना करना पड़ सकता है।
ओटीपी किसी भुगतान या पहचान पुष्टि के लिए सेवा प्रदाता की तरफ से भेजा जाने वाला और एक बार इस्तेमाल होने वाला पासवर्ड होता है।
ट्राई ने स्पैम कॉल और संदेशों पर लगाम लगाने के लिए कई पहलों की घोषणा की है। उसने संदेशों का स्रोत सुनिश्चित करने के लिए 20 अगस्त को निर्देश दिया था कि प्रेषकों/प्रमुख संस्थाओं से प्राप्तकर्ताओं तक सभी संदेशों का पता एक नवंबर, 2024 से लगाया जाना चाहिए।
ट्राई के मुताबिक, सभी दूरसंचार कंपनियों ने उसके बाद से तकनीकी समाधान लागू कर दिए हैं। हालांकि अतिरिक्त समय दिए जाने की मांग को देखते हुए इस समयसीमा को बढ़ाकर 30 नवंबर, 2024 कर दिया गया है।
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