लखनऊ, 25 नवंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ की मंजूरी मिलने के बाद अयोध्या जिले के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराने का रास्ता अब साफ हो गया है।
सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र से 2022 में निर्वाचित हुए अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को चुनौती देने वाली दो याचिकाएं वापस ले ली गईं।
लोकसभा के लिए निर्वाचित होने पर प्रसाद द्वारा विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुई मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी।
मिल्कीपुर के पूर्व विधायक और भाजपा नेता गोरखनाथ और एक अन्य याचिकाकर्ता ने अपनी याचिकाएं वापस लेने की पीठ से अनुमति मांगी थी, जिसे मंजूर करते हुए उच्च न्यायालय ने दोनों याचिकाओं को वापस लेने के आधार पर खारिज कर दिया।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने गोरखनाथ और शिव मूर्ति की दो अलग-अलग याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया।
पूर्व की सुनवाई में याचिका वापसी संबंधी अर्जी न्यायालय के समक्ष जब सुनवाई के लिए प्रस्तुत हुई थी तो प्रतिवादी के अधिवक्ता ने आपत्ति जताते हुए दलील दी कि उक्त अर्जी को तय प्रक्रिया का पालन किए बगैर ही दाखिल कर दिया गया है। कहा गया कि वापसी की उक्त अर्जी की प्रति सभी प्रतिवादियों को उपलब्ध नहीं कराई गई है और न ही उक्त अर्जी का नियमानुसार ‘ऑफिशियल गजट’ में प्रकाशन कराया गया है।
न्यायालय ने इस दलील को सही पाते हुए, याची के अधिवक्ता को आदेश दिया था कि वह वापसी के अर्जी की प्रति सभी प्रतिवादियों को उपलब्ध कराएं तथा नोटिस के प्रकाशन के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा-2022 के चुनाव में मिल्कीपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद से चुनाव हार गए थे। लेकिन गोरखनाथ ने नामांकन के दौरान अवधेश प्रसाद द्वारा दिये गये नोटरीकृत हलफनामे को दोषपूर्ण बताते हुए उनके निर्वाचन को चुनौती दी थी।
साथ ही पीठ ने 26 अप्रैल 2022 को उक्त याचिका पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता की अंतरिम राहत की अर्जी खारिज कर दी थी। इसी चुनाव को लेकर शिव मूर्ति की ओर से एक अन्य चुनाव याचिका भी दाखिल की गई थी।
इस बीच, अवधेश प्रसाद 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद (अयोध्या) संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के सांसद निर्वाचित हुए और विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। प्रसाद के त्यागपत्र के बाद रिक्त हुई मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने 15 अक्टूबर को नयी दिल्ली में उत्तर प्रदेश विधानसभा की नौ सीट पर उपचुनाव के लिए कार्यक्रम की घोषणा की थी लेकिन आयोग ने राज्य की मिल्कीपुर सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा नहीं की।
कुमार ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि अदालत में मामला लंबित होने के कारण इस सीट पर उपचुनाव नहीं कराया जा रहा है।
पूर्व भाजपा विधायक गोरखनाथ ने 15 अक्टूबर को ही कहा था कि वह मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराने का रास्ता साफ करने के लिए सपा सांसद अवधेश प्रसाद के खिलाफ उच्च न्यायालय से मुकदमा वापस लेंगे।
भाषा सं आनन्द
राजकुमार
राजकुमार
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.