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Monday, 25 November, 2024
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महाराष्ट्र चुनाव में एक भी सीट न जीतने पर मनसे पर चुनाव चिह्न व मान्यता खोने का मंडरा रहा खतरा

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मुंबई, 25 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में एक भी सीट न जीत पाने और निराशाजनक प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल का दर्जा और अपना चुनाव चिन्ह ‘रेल इंजन’ गंवा देने का खतरा मंडरा रहा है।

राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे ने 125 सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन एक भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर सका। इनमें ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे भी शामिल हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व सचिव अनंत कलसे ने पत्रकारों के साथ की गई बातचीत में निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली के बारे में बताया।

उन्होंने बताया कि भारत में किसी भी राजनीतिक दल को अपनी मान्यता एवं उसको मिले चुनाव चिन्ह को बरकरार रखने के लिए मानदंड तय किए गए हैं।

कलसे ने बताया, ‘‘किसी भी पार्टी को अपनी मान्यता बनाए रखने के लिए कम से कम एक सीट जीतनी होगी और कुल मत प्रतिशत का आठ प्रतिशत प्राप्त करना होगा या छह प्रतिशत वोट के साथ दो सीटें जीतनी होंगी या तीन प्रतिशत वोट के साथ तीन सीटें जीतनी होंगी। यदि दल इन तीनों ही मानदंडों में से एक भी पूरा नहीं कर पाता है तो निर्वाचन आयोग पार्टी की मान्यता रद्द कर सकता है।’’

मनसे को केवल 1.8 प्रतिशत वोट ही प्राप्त हुए तथा वह एक भी सीट नहीं जीत पाई। यह आवश्यक मानदंडों से काफी कम है।

उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और वह इस मामले पर निर्णय ले सकता है। वह मनसे को नोटिस भेज सकता है और उसकी मान्यता रद्द कर सकता है।’’

कलसे ने बताया कि यदि मनसे की मान्यता रद्द कर दी जाती है तो वह अपने आरक्षित चुनाव चिन्ह रेलवे इंजन का हकदार नहीं रहेगी और इसके बजाय उसे अगले चुनाव के लिए उपलब्ध अनारक्षित चुनाव चिन्ह चुनना होगा। उन्होंने बताया कि पार्टी के नाम पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

मनसे ने साल 2009 में चुनावी राजनीति में कदम रखा था और तब से ऐसा पहली बार हुआ है जब वह विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई। 2009 में पहली बार चुनाव लड़ने पर इसने 13 सीटें जीती थीं। 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के पास एक-एक विधायक थे।

पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद राज ठाकरे ने सोशल मीडिया पर एक संक्षिप्त बयान जारी कर परिणामों को ‘‘अविश्वसनीय’’ बताया।

भाषा प्रीति नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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