राजगीर (बिहार), 15 नवंबर (भाषा) गत चैम्पियन भारत के सामने महिला एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी की सबसे कठिन चुनौती होगी जब शनिवार को उसका सामना ओलंपिक रजत पदक विजेता चीन से होगा ।
भारत और चीन दोनों अभी तक टूर्नामेंट में अपराजेय रहे हैं और तीनों मैच जीते हैं ।
चीन बेहतर गोल औसत के आधार पर भारत से आगे हैं । चीन का गोल औसत 21 है जबकि भारत का 18 है । राउंड रॉबिन दौर के बाद चार टीमें सेमीफाइनल खेलेंगी ।
दोनों टीमों के बीच आखिरी मुकाबला इस साल फरवरी में एफआईएच प्रो लीग में हुआ था और दोनों बार चीन जीता था । भारत के पास अब बदला चुकता करने का सुनहरा मौका है ।
भारत और चीन दोनों ने इस टूर्नामेंट में अब तक ढेरों गोल दागे हैं । थाईलैंड को 13 . 0 से हराकर भारत के 20 गोल हो गए हैं जबकि चीन के 22 गोल हैं । थाईलैंड के खिलाफ भारत ने शानदार खेल दिखाया और आठ फील्ड गोल के साथ पांच गोल पेनल्टी कॉर्नर पर किये ।
पहले दो मैचों में चिंता का सबब रहा पेनल्टी कॉर्नर तब्दीली दर भी बेहतर हो गया है । थाईलैंड के खिलाफ भारत ने 12 में से पांच पेनल्टी कॉर्नर तब्दील किये ।
भारतीय डिफेंडरों को थाईलैंड से चुनौती नहीं मिली जबकि दीपिका की अगुवाई में फॉरवर्ड पंक्ति ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया । दीपिका के अलावा प्रीति दुबे, नवनीत कौर, लालरेम्सियामी , ब्यूटी डुंगडुंग और संगीता कुमारी का प्रदर्शन भी अच्छा रहा।
मिडफील्ड में कप्तान सलीमा टेटे, नेहा गोयल, सुशीला चानू और उदिता प्रभावी रहे ।
भारत के लिये चिंता का एकमात्र सबब यही है कि उसके डिफेंडरों और गोलकीपर सविता पूनिया और बिछू देवी को अभी तक चुनौती नहीं मिली है । वहीं चीन की टीम जवाबी हमलों में माहिर है ।
भारतीय कोच हरेंद्र सिंह ने कहा ,‘‘ मैं टीम के प्रदर्शन से खुश हूं जिस तरह से टीम ने विरोधी सर्कल में जाकर गोल किये । डिफेंडरों और मिडफील्डरों के बीच अच्छा तालमेल था और हमें इस लय को बनाये रखना है ।’’
बाकी मैचों में मलेशिया का सामना जापान से और कोरिया का थाईलैंड से होगा ।
भाषा मोना पंत
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