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Wednesday, 13 November, 2024
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तमिल उपन्यासकार इंदिरा सुंदरराजन का निधन

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मदुरै, 10 नवंबर (भाषा) अलौकिक और रहस्यमयी कथानक के सृजन में महारत रखने वाले लोकप्रिय तमिल उपन्यासकार इंदिरा सुंदरराजन का रविवार को मदुरै में उनके आवास पर निधन हो गया। वह 65 साल के थे।

सुंदरराजन ने तमिल ‘थ्रिलर’ टेलीविजन धारावाहिक ‘मर्मादेसम’ के लिए कहानी, पटकथा और संवाद लेखन का काम किया था।

सुंदरराजन की ‘रुद्र वीनाई’ को प्रकाशित करने वाले ‘पॉकेट नॉवेल’ प्रकाशक जी अशोकन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि लेखक रविवार को मदुरै स्थित आवास पर ‘बाथरूम’ में गिर गए थे और एक अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। ‘रुद्र वीनाई’ सुंदरराजन की सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तकों में से एक है।

उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं।

वह अलौकिक और रहस्यमयी विषयवस्तु को सृजित करने लिए प्रसिद्ध थे, जैसा कि ‘मर्मदेसम’, ‘इरैयुथिर काडु’, ‘नाने वरुवेन’ और ‘थंगाक्कडु’ जैसी कृतियों से परिलक्षित होता है।

सुंदरराजन के उपन्यास ‘एन पेयर रंगनायकी’ ने तमिलनाडु सरकार का पुरस्कार जीता था। उनके कई उपन्यासों में ‘आध्यात्मिक रहस्य’ था या उनके अपने शब्दों में उनकी एक कृति में ‘आध्यात्मिक विज्ञान’ उस अंतर्धारा के रूप में था, जिसमें उन्हें महारत हासिल थी।

अपने ऐतिहासिक उपन्यास ‘सेथुनाट्टू वेंगई’ में सुंदरराजन ने रामनाद शासक किलावन सेतुपति के युग का स्पष्ट रूप से चित्रण किया है, जिन्होंने इतिहास में अपना स्थान सुरक्षित करने के लिए राजनीतिक साजिशों पर विजय प्राप्त की थी।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सुंदरराजन के निधन पर दुख व्यक्त किया। स्टालिन ने अलौकिक कथानकों के सृजन और इतिहास को वर्तमान से जोड़ने वाली आकर्षक कहानियां रचने में लेखक की विशेषज्ञता की सराहना की।

लेखक ने अपनी मां से अधिक लगाव के कारण अपने नाम के आगे ‘इंदिरा’ शब्द जोड़ दिया था।

भाषा संतोष पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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