बेंगलुरु, तीन नवंबर (भाषा) कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद बसवराज बोम्मई ने रविवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से आग्रह किया कि वह अनवर मणिपड्डी रिपोर्ट के आधार पर वक्फ संपत्तियों के अतिक्रमण पर कार्रवाई करने के लिए तत्काल एसआईटी या सीबीआई जांच का आदेश दें।
कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में मणिपड्डी ने रिपोर्ट तैयार की थी और मार्च 2012 में सरकार को सौंपी थी, जब भाजपा सत्ता में थी। बाद में इसे विधानसभा में पेश किया गया। रिपोर्ट में कथित तौर पर कांग्रेस के कई प्रदेश और राष्ट्रीय नेताओं के नाम थे।
बोम्मई ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘वक्फ संपत्तियों के अतिक्रमण पर अनवर मणिपड्डी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने के लिए मैं मुख्यमंत्री से तुरंत एसआईटी (विशेष जांच दल) या सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) जांच का आदेश देने का आग्रह करता हूं।’’
इससे पहले, दिन में हुबली में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बोम्मई ने स्पष्ट किया कि उन्होंने वक्फ बोर्ड को अनवर मणिपड्डी रिपोर्ट के अनुसार केवल कांग्रेस नेताओं द्वारा अतिक्रमण की गई वक्फ संपत्तियों को वापस लेने के लिए कहा था, न कि किसानों की संपत्तियों को वापस लेने के लिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि आवास, अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ मंत्री जमीर अहमद खान ने उनका एक पुराना वीडियो जारी किया है और दुष्प्रचार कर रहे हैं कि उन्होंने वक्फ बोर्ड को किसानों की जमीन वापस लेने के लिए कहा है।
बोम्मई ने कहा, ‘‘मैंने वक्फ के एक कार्यक्रम में बात की थी। मैंने वक्फ बोर्ड की कोई बैठक नहीं की। मैंने तब जो उल्लेख किया था, वह अनवर मणिपड्डी समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट पर आधारित था। इसमें स्पष्ट रूप से बताया गया है कि किन प्रमुख कांग्रेस नेताओं ने धोखाधड़ी से वक्फ संपत्तियों पर कब्जा किया है। हमने (भाजपा सरकार) किसानों को कोई नोटिस जारी नहीं किया, न ही हमने किसी किसान की जमीन जब्त की।’’
उन्होंने जमीर अहमद खान से आग्रह किया कि वे किसानों को नोटिस जारी करने से पहले कांग्रेस नेताओं द्वारा अतिक्रमण की गई वक्फ संपत्तियों को वापस लें।
बोम्मई ने सिद्धरमैया की भी आलोचना की और किसानों को जारी नोटिस वापस लेने के निर्देश देने के उनके कदम को जनता का समर्थन हासिल करने की राजनीतिक चाल करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या गारंटी है कि चुनाव के बाद नोटिस फिर से जारी नहीं किए जाएंगे? यदि मुख्यमंत्री वास्तव में किसानों के कल्याण की परवाह करते हैं और उनकी जमीनों की रक्षा करना चाहते हैं, तो सरकार को वक्फ संपत्तियों से संबंधित राजपत्र अधिसूचनाओं को रद्द कर देना चाहिए। किसानों को कोई नोटिस जारी नहीं किया जाना चाहिए।’’
सिद्धरमैया ने शनिवार को अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे किसानों को वक्फ भूमि से जुड़े मुद्दों के संबंध में भेजे गए सभी नोटिस तुरंत वापस लें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसानों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
यह निर्देश राजस्व विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और वक्फ बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद दिया गया।
भाषा अमित पारुल
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