तिरुपति (आंध्र प्रदेश), तीन अक्टूबर (भाषा) श्री वेंकटेश्वर मंदिर के आधिकारिक संरक्षक तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने शुक्रवार को होने जा रहे वार्षिक ब्रह्मोत्सव से पहले अंकुरार्पणम मनाया।
अंकुरार्पणम अनाज के बीज बोने का एक महत्वपूर्ण उत्सव है और इसे ब्रह्मोत्सव की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम की शुरूआत के रूप में मनाया जाता है। इसमें रात में ‘पालिका’ नाम के बर्तन का उपयोग करके बीज बोया जाता है और इसे शुभ माना जाता है।
टीटीडी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘इस अनुष्ठान में एक त्योहार को सफलतापूर्वक मनाने और ‘मूल विराट’ (देवता) का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना की जाती है।’’
तिरुमला के पवित्र मंदिर में चार से 12 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले ब्रह्मोत्सव में आलय शुद्धि, ध्वजारोहणम, वाहन सेवा, श्रीवारी कोलुवु, स्नैपनम और कई अन्य कार्यक्रम एवं अनुष्ठान शामिल हैं।
ब्रह्मोत्सव के शुरू होने से पहले आलय शुद्धि में श्री वेंकटेश्वर मंदिर की शुद्धि की जाती है, ध्वजारोहण कर ब्रह्मोत्सव के शुरू होने का संकेत दिया जाता है और वाहन सेवा में तिरुमला की सड़कों पर भगवान की शोभायात्रा निकाली जाती है।
तिरुमला मंदिर में मंगलवार को पारंपरिक मंदिर शुद्धिकरण अनुष्ठान, कोइल अलवर तिरुमंजनम अत्यंत धार्मिक उत्साह के साथ संपन्न किया गया।
टीटीडी की कार्यकारी अधिकारी जे. श्यामला राव ने कहा कि यह सब तिरुमंजनम वार्षिक ब्रह्मोत्सव के मद्देनजर किया गया।
आमतौर पर, यह वर्ष में चार बार तेलुगु उगादि, अनिवरा स्थानम, वार्षिक ब्रह्मोत्सव और तिरुमला मंदिर में वैकुंठ एकादशी त्योहारों से पहले आने वाले मंगलवार को मनाया जाता है।
इसमें पूरे मंदिर, भगवानों, पूजा के बर्तनों को साफ किया गया, जबकि मंदिर परिसर की दीवारों, छतों और स्तंभों पर ‘‘परिमलम’’ (एक विशेष सुगंधित मिश्रण) लगाया गया।
टीटीडी ने बुधवार को ध्वजारोहण समारोह के तहत दिव्य शोभायात्रा का आयोजन किया।
राव ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘ब्रह्मोत्सव के दौरान हर साल कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं….इस बार हमने 21 राज्यों से सांस्कृतिक दल लाने की योजना बनाई है।’’
भाषा यासिर मनीषा
मनीषा
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