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Thursday, 26 September, 2024
होमदेशअपील दायर करने पर कानूनी विशेषज्ञों से कर रहे विमर्श: मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के सलाहकार

अपील दायर करने पर कानूनी विशेषज्ञों से कर रहे विमर्श: मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के सलाहकार

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बेंगलुरु, 26 सितंबर (भाषा) मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन मामले में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल की मंजूरी को बरकरार रखने के अदालती आदेशों तथा उनके खिलाफ लोकायुक्त पुलिस जांच के आदेश के मद्देनजर अपील दायर करने पर वरिष्ठ अधिवक्ता और विशेषज्ञों के साथ परामर्श जारी है। एक प्रमुख कानूनी सलाहकार ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।

एमयूडीए मामले में बुधवार को यहां एक विशेष अदालत ने सिद्धरमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस जांच का आदेश दिया, जिससे उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का मार्ग प्रशस्त हो गया।

विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट का आदेश उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ द्वारा एमयूडीए की ओर से मुख्यमंत्री की पत्नी बी एम पार्वती को 14 भूखंडों के आवंटन में अवैधता के आरोपों पर सिद्धरमैया के खिलाफ जांच करने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गई मंजूरी को बरकरार रखने के एक दिन बाद आया।

कांग्रेस विधायक, वरिष्ठ अधिवक्ता और मुख्यमंत्री के कानूनी सलाहकार ए एस पोन्नाना ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम शुरू से ही कह रहे हैं कि कोई भी जांच-पड़ताल हो, हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन, कानूनी तौर पर जो कुछ खामियां हुई हैं, उन्हें सुधारना जरूरी है, यह हमारा कर्तव्य है।’’

उच्च न्यायालय की खंडपीठ या उच्चतम न्यायालय में अपील करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर पोन्नाना ने कहा, ‘‘अपील कहां और कब दायर करनी होगी और सांसद/विधायक (विशेष) अदालत के संबंध में क्या कार्रवाई की जानी चाहिए, इन सभी बातों की हम पड़ताल कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अधिवक्ताओं और वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ चर्चा जारी है। दिल्ली में हमारे वकील, जिन्होंने मामले में बहस की (अभिषेक मनु सिंघवी), हम उनकी सलाह लेने की कोशिश करेंगे और उसके बाद कुछ दिन में हम अपना रुख स्पष्ट करेंगे।’’

उच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए पोन्नाना ने कहा, ‘‘हमारा तर्क यह था कि राज्यपाल की ओर से दिमाग का कोई इस्तेमाल नहीं किया गया। दिमाग का इस्तेमाल नामक यह कानूनी सिद्धांत न केवल राज्यपाल तक सीमित है, बल्कि यह अदालत पर भी लागू होता है।’’

खास तौर पर पूर्व और निर्वाचित सांसदों/विधायकों से संबंधित आपराधिक मामलों को देखने वाली विशेष अदालत ने बुधवार को आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा द्वारा दायर शिकायत पर मैसूरु में लोकायुक्त पुलिस को सिद्धरमैया के खिलाफ जांच शुरू करने का आदेश जारी किया।

पोन्नाना ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मामले को ‘‘पूरी तरह राजनीति से प्रेरित’’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे कोई जांच हो या पूछताछ, सच छिप नहीं सकता।’’

भाषा नेत्रपाल रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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