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Thursday, 19 September, 2024
होमदेशरुबैया सईद के बदले आतंकवादियों की रिहाई, आईसी-814 विमान अपहरण से बढ़ा आतंकवाद : फारूक

रुबैया सईद के बदले आतंकवादियों की रिहाई, आईसी-814 विमान अपहरण से बढ़ा आतंकवाद : फारूक

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जम्मू, 19 सितंबर (भाषा) नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पलटवार करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि 1989 में रुबैया सईद के बदले आतंकवादियों की रिहाई और 1999 में इंडियन एयरलाइंस के अपहृत विमान के बदले आतंकवादियों को अफगानिस्तान ले जाकर छोड़ने की वजह से क्षेत्र में आतंकवाद बढ़ा।

प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीनगर में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि नेशनल कांफ्रेंस(नेकां), कांग्रेस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) जम्मू-कश्मीर को ‘बर्बाद’ करने के लिए जिम्मेदार हैं।

मोदी के आरोपों का जवाब देते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को धन्यवाद देना चाहिए कि 1947 में देश के बंटवारे के समय नेकां थी अन्यथा मुस्लिम बहुल राज्य पाकिस्तान का हिस्सा बन सकता था।

विधानसभा चुनाव में उधमपुर पूर्व सीट से पार्टी उम्मीदवार सुनील वर्मा के समर्थन में आयोजित चुनावी रैली को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में अब्दुल्ला ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार की ‘एक देश, एक चुनाव’ की योजना का भी विरोध किया और आरोप लगाया कि भाजपा देश में नफरत फैला रही है।

प्रधानमंत्री ने श्रीनगर की रैली में तीन परिवारों नेकां, कांग्रेस और पीडीपी पर जम्मू-कश्मीर को बर्बाद करने का आरोप लगाया था। इस बारे में पूछने पर अब्दुल्ला ने सवाल किया कि दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस के अपहृत विमान के बदले में अफगानिस्तान के कंधार में कट्टर आतंकवादियों को किसने छोड़ा था? और 1989 में तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण के बदले में आतंकवादियों की रिहाई किसने की थी? रुबैया पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बहन हैं।

अब्दुल्ला ने सवाल किया, ‘‘ किसने दबाव डाला जब मैंने (दोनों मामलों में आतंकवादियों को रिहा करने) ऐसा नहीं करने को कहा? जिन आतंकवादियों को रिहा किया गया वे ही पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का संचालन कर रहे हैं। मैंने कहा था कि वे हमारी बर्बादी के लिए जिम्मेदार होंगे लेकिन किसी ने नहीं सुनी और अब कांग्रेस एवं नेकां को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि लोगों को शुक्रगुजार होना चाहिए कि बंटवारे के समय जम्मू-कश्मीर में नेकां थी। अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘अगर हम नहीं होते तो जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा बन गया होता क्योंकि यह मुस्लिम बहुल राज्य है। इसके बजाय हमने भारत का हिस्सा बनने के लिए गांधी-नेहरू के रास्ते को चुना जहां सभी नागरिक हिंदू, मुस्लिम, सिख और बौद्ध समान हैं।’’

नेकां अध्यक्ष ने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे दावा करते हैं कि आतंकवाद समाप्त होने की कगार पर है लेकिन जमीनी स्थिति यह है कि आमतौर पर शांत जम्मू क्षेत्र में भी आतंकवाद बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ उन्होंने नफरत के दरवाजे खोले हैं और हमें उन्हें बंद करना है। (कांग्रेस नेता) राहुल गांधी कहते हैं कि हमें नफरत की दुकान बंद कर मुहब्बत की दुकान खोलनी है। मैं कहता हूं कि हमें नफरत के नौका को डुबोना है और पूरे देश में प्यार की गाड़ी चलानी है।’’

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हम भारत का मुकुट हैं और नफरत के खिलाफ नयी सुबह यहीं से आएगी।’’ उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव जीतने और अगली सरकार बनाने का भरोसा जताया।

‘एक देश, एक चुनाव’ पर अब्दुल्ला ने कहा कि यह देश में काम नहीं करेगा।

भाषा

धीरज नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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