पटना: बिहार के ग्रामीण इलाकों में करीब एक हज़ार नए छोटे पुल बनाए जाएंगे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया.
कैबिनेट ने इसके लिए राज्य में ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु निर्माण योजना’ (एमजीएसएनवाई) शुरू करने को अपनी मंजूरी दे दी.
कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद कैबिनेट सचिवालय के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) एस सिद्धार्थ ने संवाददाताओं से कहा, “कैबिनेट ने बेहतर सड़क संपर्क के लिए ग्रामीण इलाकों में छोटे पुलों के निर्माण के लिए ‘एमजीएसएनवाई’ शुरू करने को अपनी मंजूरी दे दी. इस योजना के तहत राज्य के ग्रामीण इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर नए छोटे पुलों का निर्माण किया जाएगा. ग्रामीण कार्य विभाग (आरडब्ल्यूडी) 100 मीटर लंबाई तक के छोटे पुलों का निर्माण करेगा और बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड 100 मीटर से अधिक लंबाई वाले पुलों का निर्माण करेगा. इसका निर्माण प्राथमिकता के आधार पर और चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा.’’
आरडब्ल्यूडी के अधिकारियों के अनुसार, विभाग एमजीएसएनवाई योजना के तहत एक हजार नए छोटे पुलों का निर्माण करने की तैयारी कर रहा है, जिसे मंगलवार को कैबिनेट ने मंजूरी दी.
एसीएस एस सिद्धार्थ ने कहा, “मंत्रिमंडल ने राज्य के सभी ग्रामीण बस्तियों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना में संशोधन को भी मंजूरी दी. नयी सड़कों के निर्माण के अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में जिन सड़कों की तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है, वे भी इस योजना का हिस्सा होंगी.’’
उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में पटना में अशोक पाटलिपुत्र होटल, सुल्तान पैलेस और बांकीपुर बस स्टैंड परिसर की जमीन पर शॉपिंग मॉल के साथ तीन पांच सितारा होटलों के निर्माण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी.
एसीएस ने कहा, “पहले केवल तीन फाइव स्टार होटलों के निर्माण को मंजूरी दी गई थी…अब शॉपिंग मॉल के साथ फाइव स्टार होटल होंगे. इन होटलों में कमरों की संख्या बढ़ाने की भी अनुमति दी गई है.’’
उन्होंने कहा कि अशोक पाटलिपुत्र होटल में 100 कमरे होंगे, जबकि सुल्तान पैलेस और बांकीपुर बस स्टैंड परिसर में 150-150 कमरे होंगे.
एसीएस ने कहा, “मंगलवार को कैबिनेट ने पर्यटन विभाग की बिहार पर्यटन और बाज़ार नीति-2024 को भी मंजूरी दे दी. नीति में ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस, सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम और विभिन्न आकर्षक प्रोत्साहनों और सब्सिडी का लाभ उठाकर निजी क्षेत्र और स्थानीय उद्यमियों की सुविधा के जरिए विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं और पर्यटन से संबंधित सेवाओं को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है.’’