नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) असम में विदेशी घोषित किए गए लोगों के लिए बनाए गए एक निरुद्ध केंद्र की ‘‘दयनीय स्थिति’’ पर चिंता जताते हुए उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वहां पर्याप्त जल आपूर्ति, उचित स्वच्छता और पर्याप्त शौचालय सुविधाओं जैसी आवश्यक सेवाओं की कमी है।
न्यायालय ने कहा कि उसने असम के मटिया स्थित निरुद्ध (डिटेंशन) केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं की स्थिति के बारे में असम राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का अवलोकन किया है।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, ‘‘हमने पाया है कि सुविधाओं का अभाव हैं, यहां पर्याप्त पानी की आपूर्ति नहीं है, उचित साफ-सफाई नहीं है, पर्याप्त शौचालय सुविधाएं नहीं हैं।’’
पीठ विदेशी घोषित किए गए लोगों के निर्वासन और असम में निरुद्ध केंद्रों में प्रदान की गई सुविधाओं से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि रिपोर्ट में भोजन और चिकित्सा सहायता की उपलब्धता के बारे में कुछ नहीं कहा गया है।
न्यायालय ने असम राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को निर्देश दिया कि वह केन्द्र में आपूर्ति किये जाने वाले भोजन की मात्रा और गुणवत्ता, रसोईघर में साफ-सफाई, तथा चिकित्सा एवं अन्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक बार और वहां का दौरा करें।
उच्चतम न्यायालय ने तीन सप्ताह के भीतर एक नई रिपोर्ट पेश करने को कहा और मामले की सुनवाई सितंबर में तय की।
उच्चतम न्यायालय ने 16 मई को केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि असम के एक निरुद्ध केंद्र में बंद ऐसे 17 विदेशियों को निर्वासित किया जाए जिनके खिलाफ कोई अपराध पंजीकृत नहीं है।
भाषा देवेंद्र पवनेश
पवनेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.