नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) भारतीय परिधान कारखाने अक्षय ऊर्जा के उपयोग के साथ अन्य कदम उठाकर पर्यावरण अनुकूल विनिर्माण गतिविधियों का पालन कर रहे हैं। एईपीसी ने बृहस्पतिवार को यह कहा।
जैसे-जैसे दुनिया शुद्ध रूप से शून्य-कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़ रही है, वैश्विक बाजारों में पर्यावरण अनुकूल उत्पादों की मांग बढ़ रही है।
परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) ने कहा कि इसका उद्देश्य भारत से जापान को निर्यात बढ़ाना और भारतीय रेडीमेड गारमेंट्स (आरएमजी) क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करना और आमंत्रित करना है। परिषद ने इंडिया ‘टेक्स ट्रेंड्स फेयर’ के लिए एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल टोक्यो भेजा है।
एईपीसी के चेयरमैन सुधीर सेखी ने कहा, ‘‘भारतीय परिधान कारखाने कुल मिलाकर ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) के अनुरूप हैं। भारतीय परिधान कारखाने अक्षय ऊर्जा के उपयोग, सौर ऊर्जा को अपनाने आदि पर जोर दे रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि भारत ने कस्तूरी नाम से अपना खुद का कॉटन ब्रांड शुरू किया है।
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