नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने विवादों से घिरी नीट-यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिकाओं को मंगलवार को खारिज कर दिया और कहा कि प्रश्नपत्र के व्यवस्थित रूप से लीक होने और अन्य गड़बड़ियों को दर्शाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है.
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एवं वरिष्ठ अधिवक्ताओं नरेंद्र हुड्डा, संजय हेगड़े और मैथ्यूज नेदुमपरा सहित विभिन्न वकीलों की दलीलें करीब चार दिनों तक सुनीं.
पीठ ने 20 लाख से अधिक छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए फैसले के प्रभावी हिस्से को लिखा और कहा कि विस्तृत फैसला बाद में सुनाया जाएगा.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘यह निष्कर्ष निकालने के लिए कोई सामग्री नहीं है कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा के नतीजों में गड़बड़ी हुई है या इसमें प्रणालीगत उल्लंघन है.’
हालांकि, पीठ ने कहा कि प्रश्नपत्र लीक की घटना हजारीबाग और पटना में हुई थी- यह तथ्य विवाद का विषय नहीं है.
एनटीए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय पांच मई को आयोजित परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक सहित बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ी को लेकर निशाने पर है.
एनटीए देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में मेडिकल संबंधी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) आयोजित करती है.
पांच मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर 23.33 लाख छात्रों ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा दी थी. इनमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे.
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