चेन्नई, आठ जुलाई (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास, इजराइल के तेल अवीव विश्वविद्यालय और कोयंबटूर के केएमसीएच रिसर्च फाउंडेशन (केएमसीएच-आरएफ) की साझेदारी में जल गुणवत्ता को लेकर पाठ्यक्रम की पेशकश करेगा ताकि नागरिकों को जल के प्रति साक्षर बनाया जा सके। संस्थान ने सोमवार को यह जानकारी दी।
आईआईटी, मद्रास के मुताबिक यह चार महीने का पाठ्यक्रम होगा और ‘हाइब्रिड’ माध्यम से एनपीटीईएल ऑनलाइन मंच के जरिए मुहैया कराया जाएगा। यह विज्ञान और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों और तकनीकी पृष्ठभूमि वाले उन लोगों के लिए आदर्श होगा जिनकी रूचि जल गुणवत्ता में है।
संस्थान ने विज्ञप्ति में बताया कि पाठ्यक्रम के संयोजक विद्यार्थियों के लिए भारत और दुनिया का जल मानचित्र बनाने का काम कर रहे हैं जिससे जल साक्षरता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘जल गुणवत्ता के मौलिक पहलुओं का ज्ञान हासिल करने के बाद विद्यार्थी सर्वेक्षण सहित प्रायोगिक परीक्षा दे सकेंगे।’’
इस पाठ्यक्रम को पूरा करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा और उनके संस्थान इसके लिए उनकी डिग्री में ‘क्रेडिट’ भी दे सकते हैं। पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया 20 जुलाई को समाप्त होगी।
आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर टी प्रदीप और प्रोफेसर लिगी फिलिप, तेल अवीव विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हदास ममने और प्रोफेसर राम फिशमैन एवं केएमसीएच-रिसर्च फाउंडेशन के डॉ जी वेलमुरुगन पाठ्यक्रम प्रशिक्षक के रूप में कार्य करेंगे। इसके अलावा आईआईटी मद्रास, भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बार्क) और पर्ड्यू विश्वविद्यालय के अतिथि व्याख्याता भी पाठ्यक्रम में अपने व्याख्यान देंगे।
भाषा धीरज अविनाश
अविनाश
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