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Tuesday, 17 December, 2024
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‘2024 के जनादेश ने मोदी के अहंकार को तोड़ दिया’ — संसद में बरसे खरगे, मणिपुर और नीट का भी ज़िक्र

राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता ने आरएसएस के बारे में भी बात की, जिसमें उन्होंने कहा कि देश की सभी संस्थाओं पर ‘एक संगठन’ ने कब्ज़ा कर लिया है.

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नई दिल्ली: राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को कहा, “जनादेश (2024 के लोकसभा चुनावों में) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अहंकार को तोड़ दिया है और देश की जनता ने दिखा दिया है कि वे मोदी के अहंकार से ऊपर हैं.”

अपने भाषण के दौरान, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने प्रधानमंत्री पर “चुनाव अभियान के दौरान अपने विभाजनकारी भाषण के माध्यम से लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को कम करने” का आरोप लगाया और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में कथित पेपर लीक की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की.

पीएम की “एक अकेला सब पे भारी” टिप्पणी पर कटाक्ष करते हुए, खरगे ने कहा, “एक अकेला, पर आज कितने लोग भारी हैं. इलेक्शन ने दिखा दिया कि देश का संविधान और जनता सब पर भारी हैं”.

उन्होंने कहा कि पीएम ने धर्म के नाम पर विभाजनकारी एजेंडे का उपयोग करते हुए बड़े पैमाने पर प्रचार किया, “देश की छवि को नुकसान पहुंचाया”, जबकि धन के पुनर्वितरण, ‘मंगलसूत्र’, आरक्षण और ‘मुजरा’ आदि को लेकर कांग्रेस के खिलाफ टिप्पणी की, “जिसे देश के लोगों ने खारिज कर दिया”.

खरगे के अनुसार, पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री ने विपक्ष को ‘बुलडोजर’ से कुचला, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में सरकारें तोड़ी, हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल जैसे विपक्षी नेताओं को जेल भेजा और पांच साल तक उपसभापति का पद भरने से इनकार किया.

खरगे ने पूछा, “क्या वे संविधान के अनुसार चल रहे हैं? संविधान को माथे से लगाना ही महत्वपूर्ण नहीं है.”

उन्होंने कहा, “विपक्ष को सदन में अपनी बात रखने के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ा, क्योंकि भाजपा की सोच थी कि संसद में विपक्ष नहीं होना चाहिए. अगर उनकी सोच ऐसी नहीं होती तो 17वीं लोकसभा में पहली बार उपसभापति का पद खाली नहीं होता.”

खरगे ने कहा, “इसी सदन में प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘एक अकेला सब पर भारी होता है’. इसलिए मैं आज पूछना चाहता हूं कि आज एक अकेले पर कितने लोग भारी हैं? चुनाव के परिणामों ने दिखा दिया है कि देश का संविधान और जनता हर चीज़ से ज्यादा महत्वपूर्ण है. लोकतंत्र में अहंकारी नारों के लिए कोई जगह नहीं है. भाजपा संविधान बदलने की बात कर रही थी, इसलिए इंडिया गठबंधन को संविधान बचाने के लिए अभियान चलाना पड़ा. जनता को एहसास हो गया कि अन्य मुद्दे तो आते-जाते रहेंगे, लेकिन लोकतंत्र तभी बचेगा जब संविधान बचेगा.”


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‘RSS की विचारधारा देश के लिए खतरनाक’

खरगे ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी नारे लगाने में माहिर हैं.

उन्होंने कहा, “पीएम ने हाल ही में कहा था कि देश को ‘नारे नहीं, बल्कि ठोस बातें चाहिए’, लेकिन पिछले 10 सालों में उन्होंने एक के बाद एक नारे लगाए हैं — ‘अच्छे दिन आएंगे’, ‘मेक इन इंडिया’ से लेकर ‘बेटी बचाओ’, ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘400 पार’ तक. इस बीच, मणिपुर एक साल से अधिक समय से पीड़ित है. उन्होंने 14 देशों की यात्रा की और चुनावों के दौरान 200 से अधिक भाषण दिए, फिर भी वे एक दिन भी मणिपुर नहीं गए. उन्हें केवल अपने कुछ करीबी पूंजीपतियों की परवाह है, जिन्होंने चुनावी बॉन्ड के जरिए उन्हें फंड दिया.”

अपने भाषण के दौरान लगातार व्यवधानों के बावजूद, खरगे ने मोदी पर अपना हमला जारी रखा.

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार महत्वपूर्ण मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए राजनीति करती है. उन्होंने कहा, “जब विपक्ष किसानों की बात करता है, तो नरेंद्र मोदी कांग्रेस द्वारा लोगों की भैंसें छीनने की बात करते हैं. जब विपक्ष भाजपा की विभाजनकारी सोच की बात करता है, तो नरेंद्र मोदी औरंगजेब और मुगलों की बात करते हैं. जब विपक्ष बेरोज़गारी और पेपर लीक की बात करता है, तो नरेंद्र मोदी ‘मंगलसूत्र’ और ‘मुजरा’ की बात करते हैं. जब विपक्ष महंगाई की बात करता है, तो नरेंद्र मोदी विदेशों में महंगाई की बात करते हैं. जब विपक्ष जनता की बात करता है, तो नरेंद्र मोदी अपने ‘मन की बात’ करने लगते हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो आपकी मेहनत की कमाई घुसपैठियों को दे दी जाएगी. कि हम अपनी माताओं और बहनों का सोना गिनेंगे और उसे बांटेंगे. वे कानून बदलकर हमारी माताओं और बहनों की संपत्ति छीनने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. अगर वे अपने वोट बैंक के लिए नाचना चाहते हैं, तो ऐसा करें — यह प्रधानमंत्री की भाषा है.”

एक तीखी नोकझोंक के दौरान खरगे ने कहा कि देश की सभी संस्थाओं पर “एक संगठन” ने कब्ज़ा कर लिया है. उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा ने देश की संस्थाओं को नष्ट कर दिया है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने भाषण के दौरान कई बार आरएसएस का ज़िक्र किया और यहां तक ​​आरोप लगाया कि आरएसएस की विचारधारा देश के लिए “खतरनाक” है. उनकी टिप्पणियों पर सदन में हंगामा हुआ और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उनसे पूछा कि क्या किसी संगठन का सदस्य होना कोई अपराध है.

धनखड़ ने कहा, “आरएसएस एक ऐसा संगठन है जो देश के लिए काम करता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है.”

सदन के नेता जे.पी. नड्डा ने खरगे की टिप्पणियों को “गैर-जिम्मेदाराना” बताया और कहा कि उन्हें रिकॉर्ड से हटा दिया जाना चाहिए. धनखड़ ने इस पर सहमति जताई.

खरगे ने राज्यसभा के सभापति से संसद परिसर में महात्मा गांधी, बी.आर. आमबेडकर और अन्य नेताओं की मूर्तियों को उनके मूल स्थानों पर वापस रखने की भी अपील की.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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