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Thursday, 21 November, 2024
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क्या भतीजा आकाश बन सकता है मायावती का उत्तराधिकारी

साल 2017 में मेरठ में हुई बीएसपी की रैली में पहली बार आकाश को मायावती के साथ मंच पर देखा गया था.

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लखनऊ: पिछले सात-आठ महीने से सतीश मिश्रा के अलावा एक युवा बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ हर फ्रेम में दिख रहा है. चाहे रैली हो या संगठन की बैठक, ये युवा हर जगह मायावती के इर्द-गिर्द ही मौजूद रहता है. दरअसल, ये मायावती के भतीजे आकाश आनंद हैं. जिन्हें रविवार को बसपा का नेशनल काॅर्डिनेटर घोषित किया गया है. मायावती ने अपने छोटे भाई आनंद कुमार और उनके पुत्र आकाश आनंद को संगठन में अहम जिम्मेदारी दी है. इसी के साथ बसपा में परिवारवाद की शुरुआत हो गई है. बसपा के नेता इससे हैरान नहीं हैं. नाम न छापने की शर्त पर कई नेताओं का कहना है कि आकाश मायावती के उत्तराधिकारी भी हो सकते हैं.

2017 में पहली बार मंच पर साथ दिखे थे

यूं तो साल 2017 में मेरठ में हुई बीएसपी की रैली में पहली बार आकाश को मायावती के साथ मंच पर देखा गया था. वहां, मायावती ने आकाश का परिचय करवाया था. इसके बाद आकाश सपा-बसपा महागठबंधन की औपचारिक ऐलान से पहले चर्चा में आए. इसी साल जनवरी के महीने में जब अखिलेश यादव मायावती से मिलने पहुंचे, तो वहां आकाश भी मौजूद रहे. इसके बाद अखिलेश-माया की संयुक्त प्रेस काॅन्फ्रेंस के दौरान भी आकाश की मौजूदगी चर्चा का विषय बनी.

मायावती ने खुद दिए थे राजनीति में लाने के संकेत

फिर एक न्यूज चैनल में आकाश के महंगे जूते को लेकर खबर सामने आई. जिस पर मायावती भड़क गईं और मीडिया पर जमकर गरजीं. इसी दौरान उन्होंने आकाश को राजनीति में लाने के संकेत भी दे दिए. इस दौरान मायावती बोलीं- ‘मैं कांशी राम जी की शिष्या हूं और वह मीडिया को कैसे मुंह तोड़ जवाब देते थे सबको पता है. मैं भी पीछे नहीं हटूंगी और उन्हीं के अंदाज में मुंह तोड़ जवाब दूंगी और अगर उन्हें लगता है कि मेरे भतीजे के खिलाफ सस्ती और घिनौनी साजिश करने से मैं डर जाऊंगी तो यह गलत है. मैं अब आकाश को बसपा के मूवमेंट में और समर्पण के साथ लगाऊंगी.’


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लोकसभा चुनाव में हर रैली में रहे साथ, डेब्यू स्पीच भी दी

लोकसभा चुनाव के दौरान आकाश मायावती के साथ हर रैली में मंच पर मौजूद रहे. इस दौरान सपा-बसपा की जो संयुक्त रैलियां हुईं उनमें भी आकाश को स्टेज पर खास तरजीह मिली. स्टेज पर मायावती के अलावा सतीश मिश्रा व आकाश के लिए कुर्सी लगाई जाती रहीं. चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण के कारण मायावती पर 48 घंटे का बैन भी लगा. ये बैन 16 व 17 अप्रैल को लगाया गया था. इस दौरान आगरा में सपा-बसपा की संयुक्त रैली भी होनी थी. मायावती की गैर -मौजूदगी में आकाश ने इस रैली को संबोधित किया. इस दौरान अपने संबोधन की शुरुआत में आकाश ने कहा कि वह अपनी बुआ का संदेश लेकर आए हैं.

‘कन्नौज में डिंपल ने छुए पैर आकाश ने नहीं’

बीते लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव कन्नौज से चुनाव हार गईं. जबकि, उन्हें जिताने के लिए सपा-बसपा ने पूरी ताकत लगाई. यहां सपा-बसपा की संयुक्त रैली भी कराई गई. 25 अप्रैल को हुई इस रैली का एक किस्सा काफी चर्चित रहा. दरअसल, इस दौरान डिंपल यादव ने मायावती के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया. लेकिन, वहां मौजूद आकाश ने मुलायम सिंह यादव के पैर नहीं छुए. ये बात कन्नौज के कुछ वरिष्ठ सपाइयों को बेहद चुभी. वह आपस में बोलते नजर आए ‘ हमारे घर की बहु ने मायावती के पैर छुए लेकिन उनके भतीजे(आकाश) ने नेताजी (मुलायम) के पैर क्यों नहीॆ छुए’. सपा से जुड़े सूत्रों की मानें तो इस नाराजगी का असर चुनाव परिणामों पर भी पड़ा और नज़दीकी मुकाबले में डिॆपल यादव चुनाव हार गईं.

मायावती के भतीजे आकाश आनंद को मुलायम सिंह से आशीर्वाद दिलाते अखिलेश यादव | सुमित कुमार

माया के सोशल मीडिया पर आने के पीछे आकाश!

एक दौर में सोशल मीडिया का विरोध करने वाली मायावती लोकसभा चुनाव से पहले ट्वीटर पर एक्टिव हो गईं. बसपा से जुड़े सूत्रों की मानें तो मायावती की ट्वीटर पर एंट्री के पीछे आकाश ही हैं. उन्हीं की सलाह पर मायावती का ट्वीटर अकाउंट बना. बसपा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि आकाश थोड़े माॅडर्न ख्याल के हैं. टिपिकल नेताओं वाले लुक के बजाए जींस, टी-शर्ट व ब्रांडेड जूते उनकी पहचान है. आकाश ने लोकसभा चुनाव के दौरान ‘बुआ’ के छत्रछाया में राजनीति का ककहरा सीखा. वह सतीश मिश्रा के साथ बसपा की चुनाव के लिए रणनीति बनाने का काम देख रहे थे. लोकसभा चुनाव में उन्हें स्टार प्रचारक भी बनाया गया.


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लंदन से की है मैनेजमेंट की पढ़ाई

बसपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक आकाश ने लंदन से मैनेजमेंट की पढ़ाई की है. कोर्स खत्म कर भारत लौटने के बाद से लगातार मायावती के साथ बने हुए हैं. हमेशा से माना जाता रहा है कि मायावती का भाई आनंद कुमार से उनको खास लगाव है. मायावती ने उनको पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बना दिया था. हालांकि, बाद में उनसे पद छुड़वा दिया गया लेकिन, उनके बेटे आकाश को राजनीति में उतारने की तैयारी चल रही थी. अब दोनों को ही संगठन में अहम जिम्मेदारी दे दी है.

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