गुरुग्राम: हरियाणा के मंत्री और हिसार से भाजपा उम्मीदवार रणजीत सिंह कांग्रेस के जय प्रकाश (जेपी) से 63,381 वोटों से हार गए हैं.
पूर्व उप-प्रधानमंत्री देवी लाल के तीसरे बेटे रणजीत सिंह भी अपने परिवार के दो अन्य सदस्यों – अपने पिता की पौत्रवधू जेजेपी की नैना चौटाला और आईएनएलडी की सुनैना चौटाला के खिलाफ मैदान में हैं.
नैना चौटाला, देवी लाल के सबसे बड़े बेटे ओम प्रकाश चौटाला के बेटे अजय सिंह चौटाला की पत्नी हैं. सुनैना चौटाला देवी लाल के दूसरे बेटे प्रताप सिंह चौटाला के बेटे रवि चौटाला की पत्नी हैं.
नैना चौटाला को 22032 वोट जबकि सुनैना चौटाला को 22303 वोट हासिल हुए हैं.
हिसार लोकसभा सीट देवी लाल परिवार का गढ़ रही है. देवी लाल के परपोते और जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला 2014 में इनेलो उम्मीदवार के तौर पर हिसार से सांसद बने थे. 2019 में इनेलो में फूट के बाद उन्होंने जेजेपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और भाजपा के बृजेंद्र सिंह से हार गए.
2011 में हुए उपचुनाव में दुष्यंत के पिता अजय सिंह चौटाला (इनेलो) कुलदीप बिश्नोई (हरियाणा जनहित कांग्रेस-भजन लाल) से 6,335 वोटों के अंतर से हार गए थे.
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 के संसदीय चुनावों में ओम प्रकाश चौटाला ने हिसार से चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस के बीरेंद्र सिंह से हार गए.
देवी लाल परिवार के सदस्यों की अगुवाई वाली पार्टियों ने 1998 और 1999 में भी इस सीट पर जीत हासिल की. 2004 में, इनेलो के सुरेंद्र बरवाला कांग्रेस के जय प्रकाश के बाद दूसरे स्थान पर रहे, जबकि 2009 में इनेलो के संपत सिंह एचजेसी-बीएल उम्मीदवार भजन लाल के बाद दूसरे स्थान पर रहे.
हालांकि, विभाजन के बाद इनेलो अपने पिछले प्रदर्शन के करीब भी नहीं पहुंच पाई है. नैना चौटाला के वोट शेयर से यह भी पता चलता है कि जेजेपी भी 2019 का प्रदर्शन दोहराने में विफल हो सकती है.
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