नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने रविवार को कहा कि उसने स्टार्टअप के लिए एक घोषणा-पत्र जारी किया है, जो उनके संचालन से जुड़ी बारीकियों को ध्यान में रखते हुए कॉरपोरेट प्रशासन पर स्वैच्छिक सिफारिशों को सूचीबद्ध करता है।
‘कॉरपोरेट गवर्नेंस चार्टर’ स्टार्टअप के लिए उनके जीवन चक्र के विशिष्ट चरणों के आधार पर उपयुक्त दिशानिर्देश भी निर्धारित करता है।
उद्योग मंडल सीआईआई ने कहा, “यह घोषणा-पत्र केवल कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत निगमित संस्थाओं के लिए डिजायन किया गया है और इसलिए इसे ‘स्टार्टअप’ शब्द दिया गया है। हालांकि, एकल स्वामित्व, सीमित देयता भागीदारी, भागीदारी की प्रकृति वाली संस्थाएं अपने संगठन के भीतर कॉरपोरेट प्रशासन के लिए समान संरचनाओं/दिशानिर्देशों को अपना सकती हैं।”
इसमें कहा गया कि इस घोषण-पत्र का उद्देश्य स्टार्टअप को जिम्मेदार कॉरपोरेट बनने में मदद करना है।
सीआईआई के अध्यक्ष आर दिनेश ने कहा कि सुशासन प्रथाओं की शीघ्र स्वीकार्यता से स्टार्टअप को दीर्घकालिक मूल्य निर्माण, हितधारकों का विश्वास, निवेशकों और बैंकों से वित्त तक बेहतर पहुंच, प्रवर्तकों पर कम निर्भरता और प्रभावी संगठनात्मक संरचनाओं जैसे लाभ मिलते हैं।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि स्टार्टअप के लिए प्रशासन घोषण-पत्र से अच्छी प्रथाओं को शीघ्र अपनाने में मदद मिलेगी।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय
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