मुंबई, 26 अप्रैल (भाषा) रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि सरकारी प्रतिभूतियों, राज्य विकास कर्ज और कॉरपोरेट बॉन्ड में एफपीआई निवेश की सीमा चालू वित्त वर्ष के लिए प्रतिभूतियों के बकाया स्टॉक पर क्रमशः छह प्रतिशत, दो प्रतिशत और 15 प्रतिशत पर बनी रहेगी।
आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा कि फिलहाल पात्र निवेशकों द्वारा ‘निर्दिष्ट प्रतिभूतियों’ में किए गए सभी निवेशों को पूरी तरह से सुलभ मार्ग (एफएआर) के तहत माना जाएगा।
रिजर्व बैंक ने कहा, ‘सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक), राज्य सरकार की प्रतिभूतियों (एसजीएस) और कॉरपोरेट बॉन्ड में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के निवेश की सीमा 2024-25 के लिए प्रतिभूतियों के बकाया स्टॉक का क्रमशः छह प्रतिशत, दो प्रतिशत और 15 प्रतिशत पर बनी रहेगी।’
दो उप-श्रेणियों- ‘सामान्य’ और ‘दीर्घकालिक’ के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में एफपीआई निवेश का आवंटन 50:50 पर बरकरार रखा जाएगा।
एफपीआई द्वारा बेचे जाने वाले ‘कर्ज चूक अदलाबदली’ (सीडीएस) की अनुमानित राशि की कुल सीमा कॉरपोरेट बॉन्ड के बकाया स्टॉक का पांच प्रतिशत होगी। इस हिसाब से मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 2,54,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि तय की गई है।
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