कोलकाता, आठ अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को मांग की कि राज्य में लोकसभा चुनाव के बाद भी और तीन महीने के लिए केंद्रीय बलों को तैनात रखा जाना चाहिए।
अधिकारी ने निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्ति विशेष पर्यवेक्षक से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि इससे चुनाव उपरांत हिंसा को रोका जा सकेगा जो 2021 के विधानसभा चुनाव और 2023 के पंचायत चुनाव के बाद देखने को मिली थी।
उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में राज्यपाल सी.वी.आनंद बोस, राज्य के मुख्य सचिव और केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखेंगे।
अधिकारी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि यह उनकी ‘पराजयवादी मानसिकता’ दिखाती है।
तृणमूल कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’पर पोस्ट किया, ‘‘शुभेंदु अधिकारी ने मांग की कि आदर्श आचार संहिता हटने के बाद भी केंद्रीय बलों को बंगाल में रहने की अनुमति दी जाए। वह किसी और से बेहतर जानते हैं कि उनकी पार्टी जर्जर स्थिति में है और भाजपा की बंगाल में कोई राजनीतिक पकड़ नहीं है। इसलिए, अपनी घटती प्रासंगिकता को बचाने का उनका एकमात्र विकल्प केंद्रीय बलों की तैनाती की अवधि को बढ़ाना है।’’
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के कुल 92 हजार जवानों को तैनात किए जाने की उम्मीद है जो किसी भी एक राज्य में सबसे अधिक है।
भाषा धीरज माधव
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