नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) चौदह क्षेत्रों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं से दिसंबर 2023 तक 1.06 लाख करोड़ रुपये के निवेश आये हैं। कुल निवेश में औषधि और सौर मोड्यूल का योगदान करीब आधा रहा।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल दिसंबर तक सूचना प्रौद्योगिकी, हार्डवेयर, वाहन और वाहल कल-पुर्जे, कपड़ा और एसीसी (उन्नत रसायन सेल) बैटरी भंडारण जैसे क्षेत्रों में योजना को लेकर प्रतिक्रिया धीमी रही।
सरकार ने 2021 में 1.97 लाख करोड़ रुपये के व्यय के साथ दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, कपड़ा, चिकित्सा उपकरणों के विनिर्माण, वाहन, विशेष इस्पात, खाद्य उत्पाद, उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल, उन्नत रसायन बैटरी, ड्रोन और औषधि जैसे 14 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना की घोषणा की।
आंकड़ों के मुताबिक औषधि क्षेत्र ने पिछले साल दिसंबर तक 25,813 करोड़ रुपये आकर्षित किये। यह 17,275 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद से अधिक है।
इस क्षेत्र के प्रमुख लाभार्थियों में डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, सिप्ला, ग्लेनमार्क फार्मा, बायोकॉन और वॉकहार्ट लिमिटेड शामिल हैं।
जहां तक उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल का संबंध है, कुल निवेश 22,904 करोड़ रुपये रहा। जबकि इस क्षेत्र से 1.10 लाख करोड़ के निवेश की उम्मीद थी।
इस क्षेत्र में, पीएलआई लाभार्थियों में शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स, रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड, अडाणी इंफ्रास्ट्रक्चर और टाटा पावर सोलर शामिल हैं।
पिछले साल दिसंबर तक जिन अन्य क्षेत्रों में अच्छा निवेश प्राप्त हुआ, उनमें थोक दवाएं, चिकित्सा उपकरण, खाद्य प्रसंस्करण और दूरसंचार शामिल हैं।
सबसे कम निवेश आईटी हार्डवेयर में 270 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ, जबकि इस क्षेत्र में 2,517 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद थी।
कम निवेश वाले अन्य पीएलआई क्षेत्रों में वाहन और वाहन कल पुर्जे (67,690 करोड़ रुपये के अपेक्षित निवेश के मुकाबले 13,037 करोड़ रुपये), कपड़ा (19,798 करोड़ रुपये के अपेक्षित निवेश के मुकाबले 3,317 करोड़ रुपये) और एसीसी बैटरी स्टोरेज (13,810 करोड़ रुपये के अपेक्षित निवेश के मुकाबले 3,236 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
एक अधिकारी के मुताबिक सरकार इस पर गौर कर रही है और उन क्षेत्रों के लिए योजना में बदलाव पर विचार कर सकती है जो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं।
सरकार ने इस वित्त वर्ष में अक्टूबर तक इलेक्ट्रॉनिक्स और औषधि सहित आठ क्षेत्रों के लिए योजना के तहत 4,415 करोड़ रुपये वितरित किए हैं।
पीएलआई योजना का लक्ष्य प्रमुख क्षेत्रों और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में निवेश आकर्षित करने के साथ दक्षता सुनिश्चित करना, विनिर्माण को गति देना और भारतीय कंपनियों तथा विनिर्माताओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।
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