तिरुवनंतपुरम, 25 जनवरी (भाषा) कांग्रेस और केरल में विपक्षी दल यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की ओर से बृहस्पतिवार को विधानसभा में दिए गए बेहद संक्षिप्त अभिभाषण को ‘‘लोकतंत्र का मखौल’’ और ‘‘सदन का अपमान’’ करार दिया।
विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि नीतिगत भाषण का केवल अंतिम पैराग्राफ पढ़ना विधानसभा की ‘‘अवमानना’’ के समान है।
उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण के बाद संवादाताओं से बातचीत में कहा,‘‘ यह विधानसभा के नियमों और संवैधानिक निर्देशों के प्रति अवमानना और उपेक्षा भी है। हम इसके खिलाफ अपना कड़ा विरोध व्यक्त करते हैं। यह राज्य सरकार और राज्यपाल के राजनीतिक नाटक का दुखद अंत है।’’
विधानसभा में विपक्ष के उपनेता पी के कुन्हालिकुट्टी तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टी राधाकृष्णन ने भी संवाददाताओं के साथ बातचीत में इसी प्रकार के विचार व्यक्त किए।
दोनों नेताओं ने कहा कि सदन में जो कुछ हुआ वह विधानसभा और लोकतंत्र का मजाक है।
केरल में सत्तारूढ़ वाम मोर्चा सरकार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बीच जारी तनाव के मध्य राज्यपाल ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए बृहस्पतिवार को विधानसभा में अपना अभिभाषण केवल अंतिम पैराग्राफ पढ़कर समाप्त कर दिया और इस तरह उन्होंने एक प्रकार से सरकार से अपनी नाराजगी के भी संकेत दिए।
राज्यपाल खान सुबह नौ बजे विधानसभा पहुंचे और उन्होंने अपना अभिभाषण नौ बजकर दो मिनट से भी पहले समाप्त कर दिया और वह नौ बजकर चार मिनट पर सदन से रवाना हो गए।
खान और माकपा नीत केरल सरकार के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हैं जिनमें राज्य में विश्वविद्यालयों के कामकाज का मुद्दा और विधानसभा द्वारा पारित कुछ विधेयकों पर उनके द्वारा हस्ताक्षर नहीं करना प्रमुख हैं।
इसके परिणामस्वरूप उन्हें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), इसकी युवा शाखा – डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) – और इसके छात्र संगठन – स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के व्यापक विरोध का सामना करना पड़ा है।
भाषा शोभना नरेश
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