गुवाहाटी, 22 दिसंबर (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी (आईआईटीजी) के शोधकर्ताओं ने चौड़े पाट वाली नदियों में जल के बहाव को समझने के लिए ब्रह्मपुत्र बोर्ड के साथ मिलकर एक मॉडल तैयार किया है।
एक शोधकर्ता ने शुक्रवार को बताया कि इस पहल का मकसद नदी तट संरक्षण के लिए टिकाऊ डिजाइन बनाने के वास्ते अभियंताओं को एक प्रकार की समझ पैदा करने में मदद करना है।
इस मॉडल का नाम है ‘ब्रह्मा-2डी’ और इसका माजुली द्वीप के निकट ब्रह्मपुत्र नदी पर सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया । माजुली दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा, ताजे पानी का नदी द्वीप है और इसके तटीय हिस्सों पर कटाव का संकट है।
शोधकर्ता ने बताया कि नए मॉडल से यह समझने में मदद मिलेगी कि नदी की विभिन्न गहराइयों में पानी किस तेजी से बहता है।
सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अरूप कुमार शर्मा के नेतृत्व में किए गए शोध में विभिन्न गहराइयों में नदी के प्रवाह में भिन्नता का पूर्वानुमान व्यक्त करने में मदद करने के लिए व्यापक गणितीय मॉडल विकसित किया है जो बाढ़ और कटाव नियंत्रण, कृषि, जलापूर्ति और ऊर्जा उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।
शोध के निष्कर्षों को ‘आईएसएच जर्नल ऑफ हाइड्रॉलिक इंजीनियरिंग’ में प्रकाशित किया गया। इसे ‘आईएसएच जल विज्ञान पुरस्कार’ 2023 (आईएसएच जर्नल में सर्वश्रेष्ठ पेपर) प्रदान किया गया है।
भाषा शोभना मनीषा
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