नई दिल्ली: लोकसभा की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई है, दर्शक दीर्घा से शख्स कूद गया जिससे सदन में अफरातफरी मच गई और आनन फानन में सदन की कार्रवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. हालांकि दोनों ही लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और कार्यवाही फिर से शुरू हो गई है.
बता दें कि इन दिनों संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा है.
इस बीच बसपा के सांसद दानिश अली ने निजी चैनल को बताया कि कूदे गए व्यक्ति का नाम सागर है, जो मैसूर के सांसद प्रताप सिन्हा के मेहमान थे.
समाचार एजेंसी एएनआई ने दिल्ली पुलिस सूत्र का हवाला देते हुए कहा कि घटना की तस्दीक की जा रही है. प्रारंभिक पूछताछ सुरक्षा उल्लंघन और पहुंच किसने दी, उससे संबंधित है. पता लगाया जा रहा है कि अंदर कूदने वालों से कोई संबंध है या नहीं. दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि मल्टी एजेंसी से पूछताछ की भी संभावना है. एंटी-टेरर सेल की टीम पूछताछ करने आई है.
सदन से निकल रहे सांसदों ने बताया कि कूदने वाले शख्स ने कथित तौर पर पीले रंग का कुछ गैस उत्सर्जित करने वाली वस्तुएं फेंकी और उससे पीले, लाल और हरे रंग का धुआं निकलने लगा. इसके अलावा एक लड़की ने संसद के बाहर कथित तौर पर “तानाशाही नहीं चलेगी” के नारे लगाए.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी सदन में सुरक्षा उल्लंघन और हंगामे की एक घटना पर बोले, “एक युवक गैलरी से कूदा और उसके द्वारा कुछ फेंका गया जिससे गैस निकल रही थी.”
चौधरी ने बताया कि सांसदों ने दोनों को पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया.
कांग्रेस नेता ने कहा, “यह निश्चित रूप से एक सुरक्षा उल्लंघन है क्योंकि आज हम 2001 (संसद हमले) में अपने प्राणों की आहुति देने वाले लोगों की पुण्य तिथि मना रहे हैं…”
सदन के अंदर कूदे दो लोगों के बारे में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, “अचानक करीब 20 साल का युवक दर्शक दीर्घा से सदन में कूद पड़ा और उसके हाथ में कनस्तर था. इन कनस्तरों से पीला धुआं निकल रहा था.”
कार्ति ने कहा कि उनमें से एक अध्यक्ष की कुर्सी की ओर भागने की कोशिश कर रहा था, कुछ नारे भी लगाए गए.
चिदंबरम ने आगे कहा कि धुआं जहरीला हो सकता था. यह सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन है, खासकर 13 दिसंबर को, जिस दिन 2001 में संसद पर हमला हुआ था.
बता दें कि नीले कपड़ा पहने ये बंदा तेजी से कूदा उस समय पश्चिम बंगाल के सांसद खगेन मुर्मु सदन में अपना पेपर पड़ रहे थे. ये समय प्रश्नकाल के समाप्त होने का था.
लोकसभा में सुरक्षा चूक पर समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा, “यह पूरी तरह से सुरक्षा चूक है. आज सदन के अंदर कुछ भी हो सकता था…जो भी लोग यहां आते हैं – चाहे वे आगंतुक हों या रिपोर्टर, किसी के टैग नहीं हैं…सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.”
शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत का कहना है, “…कोई घायल नहीं हुआ. जब वे नीचे कूदे तो पीछे की बेंचें खाली थीं इसलिए वे पकड़े गए…सदन में दो मंत्री थे.”
टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, “यह एक भयानक अनुभव था. कोई भी अनुमान नहीं लगा सका कि उनका लक्ष्य क्या था और वे ऐसा क्यों कर रहे थे. हम सभी तुरंत सदन से बाहर चले गए, लेकिन यह एक सुरक्षा चूक थी. वे धुआं छोड़ने वाले उपकरणों के साथ कैसे प्रवेश कर सकते थे?”
बीएसपी सांसद दानिश अली ने निजी चैनल से बातचीत में बताया कि दर्शक दीर्घा में कूदने वाला शख्स मैसूर के सांसद प्रताप सिन्हा का गेस्ट है.
खालिस्तानी समर्थक पन्नू ने दी थी संसद हमले की धमकी
अमेरिका में मौजूद खालिस्तानी समर्थक गुरपवंत सिंह पन्नू की ओर से 13 दिसंबर को संसद हमले की बरसी पर ‘‘संसद की नींव को हिला देने’’ की धमकी वाला एक वीडियो संदेश जारी होने के बाद दिल्ली पुलिस सतर्क थी.
शीतकालीन सत्र के दौरान 13 दिसंबर 2001 को संसद पर आतंकवादी हमला हुआ था. इस दौरान नौ सुरक्षा अधिकारियों की जान चली गई थी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को कहा कि संसद और उसके आसपास के इलाकों की सुरक्षा पहले ही बढ़ा दी गई है.
उन्होंने कहा, ”किसी को भी कानून व्यवस्था बिगाड़ने की इजाज़त नहीं दी जाएगी.”
अधिकारी ने कहा, ‘‘संसद का सत्र जारी रहने पर हम सतर्क रहते हैं. हम किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी एहतियाती कदम उठा रहे हैं.’
उन्होंने बताया कि पूरी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. खालिस्तानी समर्थक पन्नू ने वीडियो में दावा किया कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने उसे मारने की कोशिश की और उसने इसका जबाव 13 दिसंबर को देने की धमकी दी. वीडियो में संसद हमले के दोषी अफज़ल गुरु की तस्वीर भी थी.
पन्नू ने दावा किया कि उसकी प्रतिक्रिया ‘‘भारतीय संसद की नींव’’ हिला देगी.
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