scorecardresearch
Tuesday, 17 December, 2024
होमराजनीति‘अजित पवार की नजरें अब शरद पवार के गढ़ पर है’, बारामती में NCP बनाम NCP की लड़ाई देखने को मिल सकती है

‘अजित पवार की नजरें अब शरद पवार के गढ़ पर है’, बारामती में NCP बनाम NCP की लड़ाई देखने को मिल सकती है

कर्जत में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि उनके नेतृत्व वाला गुट निश्चित रूप से 4 पारंपरिक एनसीपी सीटों, बारामती, सतारा, शिरूर और रायगढ़ से चुनाव जरूर लड़ेगा.

Text Size:

मुंबई: पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की चार पारंपरिक सीटों के साथ-साथ शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की कुछ लोकसभा सीटों पर भी दावा किया है.

कर्जत में दो दिवसीय स्टडी वर्कशॉप में एनसीपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, पवार ने यह भी कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) समय की जरूरत है और उन्होंने फिर दोहराया कि मराठा आरक्षण की मांग के संदर्भ में जाति जनगणना होनी चाहिए.

उन्होंने कहा, “हम निश्चित रूप से इन सीटों (बारामती, सतारा, शिरूर और रायगढ़) से लड़ेंगे, लेकिन इसके साथ-साथ हम उन कुछ सीटों पर भी लड़ने की कोशिश करेंगे जो शिवसेना-यूबीटी के पास हैं जहां हमारी एनसीपी मजबूत है. इसके लिए हम एकनाथ शिंदे और बीजेपी के साथ चर्चा करेंगे.”

केवल रायगढ़ ही एनसीपी के अजित पवार गुट के पास है, जबकि बारामती का प्रतिनिधित्व लोकसभा में उनकी चचेरी बहन सुप्रिया सुले करती हैं. जुलाई में पार्टी को तोड़कर शिंदे और बीजेपी से हाथ मिलाने के बावजूद सुले ने पवार के साथ सौहार्द्र बनाए रखा है.

बाद में, बीजेपी और शिवसेना – महाराष्ट्र में अन्य सत्तारूढ़ सहयोगी – ने कहा कि सीट-बंटवारे पर कोई भी बातचीत तीनों दल मिलकर करेंगे.

शिंदे ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा, “महायुति (गठबंधन) लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ेगा. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम मिलकर पीएम मोदी को 45 सीटें देंगे. इसके लिए हम सब जी जान से चुनाव लड़ेंगे. यहां तक ​​कि अजीत दादा ने भी यही बात कही है.”

बीजेपी विधायक राम कदम ने दिप्रिंट को बताया, “हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि इस बार लोकसभा में हमारी 400 से ज्यादा सीटें हों. और इसके लिए महाराष्ट्र को इसमें बड़ा योगदान देना होगा. तीनों दलों के प्रमुख एक साथ बैठेंगे और सीट बंटवारे पर चर्चा करेंगे और जीत के आधार पर सीटें तय की जाएंगी. लेकिन एक बात पक्की है कि हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है और सीटों का बंटवारा सहज होगा.”

दरअसल, बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए सीट-बंटवारे का फॉर्मूला चर्चा के बाद तय किया जाएगा. उन्होंने कहा, “बातचीत शुरू होनी अभी बाकी है. विचार-विमर्श के बाद ही कोई फॉर्मूला तय किया जाएगा. फॉर्मूले का आधार होगा: सीटें उन (पार्टियों) को मिलनी चाहिए जो पहले से ही उस विशेष निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं.” फडणवीस ने मीडिया से अपने बयान को के बारे में आगे कहा कि बीजेपी महाराष्ट्र में 48 में से 26 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि दोनों सहयोगी दल राज्य की बाकी 22 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. 

इससे पहले दिन में, पवार ने महाराष्ट्र में चल रहे मराठा आरक्षण मंथन के बारे में विस्तार से बात की और सभी समुदायों से धैर्य रखने का आह्वान किया. 

उपमुख्यमंत्री ने सभी नेताओं के भड़काऊ भाषणों के कारण राज्य में विभिन्न जातियों के बीच पैदा हो रही दरार पर चिंता जताई. उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी सांप्रदायिक दंगे से बचने के लिए इस तरह के उकसावे को रोका जाना चाहिए.

उन्होंने जोर देकर कहा, “हर किसी को अपनी जाति पर गर्व होता है लेकिन किसी को दूसरों के प्रति नफरत नहीं रखनी चाहिए. हम सभी को इसका ख्याल रखना चाहिए. हमें, एक सरकार के रूप में, यह भी सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि एक जाति को कोटा देने की बात करते समय, अन्य जातियों के साथ अन्याय न हो.”

संयोग से, बड़े पैमाने पर मराठा समुदाय द्वारा ओबीसी आरक्षण की मांग का विरोध करने को लेकर पवार की पार्टी के सहयोगी और राज्य मंत्री छग्गन भुजबल का शिवसेना और बीजेपी सहयोगियों के साथ मतभेद है.

पवार ने यह सुनिश्चित करने के लिए जाति जनगणना करने की आवश्यकता पर जोर दिया कि जरूरतमंद जातियों को उचित आरक्षण दिया जाए, भले ही इसका मतलब मौजूदा कोटा के दायरे को आगे बढ़ाना हो. उन्होंने कहा कि मराठों के पिछड़ेपन का पता लगाने के लिए जरूरी डेटा की जरूरत है और इसके लिए मराठा समुदाय को धैर्य की आवश्यकता है.

यूसीसी के कार्यान्वयन के लिए, एनसीपी नेता ने सुझाव दिया कि सभी हितधारकों के लिए विचार-विमर्श ही आगे बढ़ने का रास्ता है.

उन्होंने कहा, “पिछड़े वर्गों, आदिवासियों, दलितों के बीच समान नागरिक संहिता के बारे में गलत धारणाएं हैं कि यह आरक्षण को प्रभावित करेगा. नहीं, ऐसा नहीं होगा. मुझे लगता है कि अब विस्तृत चर्चा करने का समय आ गया है और मैं केवल अपना विचार सामने रख रहा हूं.”

उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, अब जन्म नियंत्रण पर कानून बनाने का समय आ गया है क्योंकि एक जोड़े को केवल दो बच्चों की अनुमति दी जानी चाहिए. यदि हमने अभी ऐसा नहीं किया तो हमारे प्राकृतिक संसाधन पर्याप्त नहीं रहेंगे. अगर नरेंद्र मोदी कोई कानून लाना चाहते हैं तो लाएं.”

उन्होंने विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक की आलोचना करते हुए कहा कि देश को पीएम मोदी के नेतृत्व में स्थिर सरकार की जरूरत है.

उन्होंने विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा, “यह मोर्चा ऐसे समय में सरकार कैसे चला सकता है जब हमारे पास एक ऐसा नेता है जो देश का नेतृत्व कर रहा है और वैश्विक स्तर पर देश का नाम कमा रहा है? ये लोग किसी एक नेता, किसी लोगो या यहां तक ​​कि बैठक करने की जगह पर भी फैसला नहीं कर सकते.” 

बीजेपी के साथ हाथ मिलाने को लेकर विपक्ष द्वारा उनकी आलोचना किए जाने पर पवार ने कहा, ”ममता दीदी, नीतीश कुमार, महबूबा जी, फारूक अब्दुल्ला पहले भी बीजेपी के साथ रहे हैं. हम उनकी आलोचना नहीं कर रहे हैं. लेकिन बीजेपी से हाथ मिलाने के लिए हमारी आलोचना क्यों?”

(संपादन : ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: कैसे BJP, VHP और RSS अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देशभर से लोगों को जुटा रहे


 

share & View comments