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Monday, 25 November, 2024
होमदेशउत्तरकाशी टनल हादसा: 17 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद सभी मजदूर सफलतापूर्वक बाहर, मोदी, गडकरी ने दी बधाई

उत्तरकाशी टनल हादसा: 17 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद सभी मजदूर सफलतापूर्वक बाहर, मोदी, गडकरी ने दी बधाई

मजदूरों को निकालने के लिए 800 मिमी का पाइप ड्रिलिंग के माध्यम से मलबे के अंदर घुसाया गया था जिसके बाद यह सफलता मिली. निकाले गए सभी मजदूरों को एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल भेजा गया है.

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नई दिल्ली: उत्तरकाशी टनल हादसे के 17वें दिन जाकर अंतत: सभी 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया है. सभी मजदूरों को स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. बीते 17 दिनों से 41 मजदूर इस टनल में फंसे हुए थे. कई दिनों की मेहनत और कई एजेंसियों की कड़ी मशक्कत के बाद अब मजदूर बाहर हैं.

बता दें कि मजदूरों को निकालने के लिए 800 मिमी का पाइप अमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग के माध्यम से मलबे के अंदर घुसाया गया था जिसके बाद यह सफलता मिली. निकाले गए सभी मजदूरों को एंबुलेंस के माध्यम से अभी अस्पताल भेजा गया है. सुरंग के अंदर एनडीआरएफ की तीन टीमें तैनात थी, जिन्होंने अन्य एजेंसियों की मदद से इस कार्रवाई को सफलतापूर्वक खत्म किया.

मोदी और गडकरी ने दी बधाई

सभी मजदूरों की सफलतापूर्वक निकासी के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी. पीएम ने अपने ट्वीट में लिखा, “उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है. टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है. मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं. यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे. इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है. मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं. उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है. इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है.”

वहीं केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर कहा, “मैं पूरी तरह से राहत महसूस कर रहा हूं और खुश हूं क्योंकि सिल्कयारा टनल हादसे में फंसे 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बचा लिया गया है. यह कई एजेंसियों द्वारा किया गया एक समन्वित प्रयास था, जो हाल के वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण बचाव अभियानों में से एक था. अनेक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद विभिन्न विभाग और एजेंसियां ​​एक-दूसरे के पूरक बने. सभी के अथक और ईमानदार प्रयासों और सभी की प्रार्थनाओं से यह ऑपरेशन संभव हो सका. बचाव टीमों के समर्पित प्रयासों के अनुकूल परिणाम मिले हैं.
मैं इस बचाव अभियान में शामिल प्रत्येक एजेंसी और व्यक्ति का आभार व्यक्त करता हूं. अंतरराष्ट्रीय बचाव विशेषज्ञों, प्रशासनिक अधिकारियों और उत्तराखंड सरकार की मैं सराहना करता हूं. मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं, जो लगातार पूरे ऑपरेशन की निगरानी कर रहे थे और आवश्यकता पड़ने पर मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर रहे थे. साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी और मेरे सहयोगी वीके सिंह ऑपरेशन के दौरान लगभग वहीं डेरा जमा लिया था. अंत में, मैं MoRTH के अधिकारियों और इंजीनियरों को उनके ईमानदार प्रयासों के लिए धन्यवाद देता हूं.”

धामी रहे तैनात, मजदूरों से की मुलाकात

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पूरे ऑपरेशन के दौरान साइट पर तैनात दिखे. अंदर से निकाले गए मजदूरों से उन्होंने मुलाकात की और उनका हालचाल लिया. वहीं केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह भी मौके पर मौजूद रहें. उन्होंने निकाले गए मजदूरों से बात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा.

बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशन बीते गुरुवार को रोक दिया गया था, क्योंकि बचाव कार्य में लगी टीमों को हॉरिजेंटल तरीके से ड्रिलिंग करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. अमेरिका में बनी ऑगर मशीन की ब्लेड अंदर किसी धातु से टकरा गई थी और उसके बाद टूट गई. लेकिन बाद में हैदराबाद से मंगाई गई प्लाज्मा कटर मशीन से अंदर फंसे मलबे को बाहर निकाला गया और दोबारा ड्रिलिंग शुरू की गई. जिसके बाद आज ड्रिलिंग का काम पूरा हुआ और पूरे 60-65 के मलबे में पाइप को धकेल दिया गया जिसके बाद मजदूरों का निकलना शुरू हुआ. इसके साथ ही वर्टिकल ड्रिलिंग भी शुरू कर दी गई थी. लेकिन अब मजदूरों के निकलने के साथ ही उसकी जरूरत नहीं रही.

बता दें कि मजदूरों के स्वास्थ्य को देखते हुए मौके पर डॉक्टरों की एक टीम और छोटा सा अस्पताल भी बनाया गया था.


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