नई दिल्ली: उत्तरकाशी में टूटे निर्माणाधीन सुरंग स्थल पर बचाव अभियान दूसरे दिन भी जारी है. सुरंग के अंदर 40 मजदूर फंसे हुए हैं,बचाव दल सुरंग में 15 मीटर तक घुसने में कामयाब रहा.
बचावकर्मियों का कहना है कि फंसे हुए 40 श्रमिकों के पास तक पहुंचने के लिए टीमों को अभी भी लगभग 35 मीटर अधिक मलबा साफ करना होगा.
#WATCH उत्तराखंड: उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर स्थित सिल्क्यारा टनल में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। pic.twitter.com/g1Uy0ThKVG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 13, 2023
रविवार को हुई इस घटना के बाद से ही लगातार अधिकारियों से अद्यतन जानकारी ले रहे मुख्यमंत्री धामी ने सुबह खुद सिलक्यारा पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों से बचाव और राहत कार्यों की लगातार निगरानी करने तथा किसी भी प्रकार की कोताही न करने को कहा.
#WATCH उत्तरकाशी: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर स्थित सिलक्यारा सुरंग में हुए भूमि धंसाव का स्थलीय निरीक्षण करने और कल से चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करने सिलक्यारा पहुंचे। pic.twitter.com/jTv2VsYThi
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मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, सुरंग में मलबा हटाने का काम रात भर चला और इसे तेजी से किया जा रहा है . उन्होंने कहा, ‘‘सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालना हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है .’’
उन्होंने कहा कि सुरंग में फंसे लोग पूरी तरह ठीक हैं और उनसे बात भी हो रही है .
धामी ने प्रभावितों के परिजनों को आश्वस्त किया कि सुरंग में फंसे लोगों को सकुशल बाहर निकालने के लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारें गंभीर हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रेलमंत्री ने भी उनसे पूरे घटनाक्रम के बारे में बात की है और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है.
मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि सुरंग में चल रहा बचाव कार्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा और वहां फंसे सभी 40 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा.
35 मीटर की दूरी तय करना बाकी
उत्तरकाशी के सर्कल अधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया, “मलबा लगभग 60 मीटर गहरा है. जैसे ही हम मलबा हटा रहे हैं, यह ऊपर से गिर रहा है. वर्तमान स्थिति यह है कि कल हमने सुरंग के अंदर फंसे लोगों के साथ बातचीत की थी हमने सुरंग के अंदर लगभग 15 मीटर तक चले गए हैं, और लगभग 35 मीटर की दूरी तय करना बाकी है. हर कोई सुरक्षित है, हमने उन्हें ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है. हम सुरंग के अंदर जाने के लिए बग़ल में अपना रास्ता बना रहे हैं.
एनडीआरएफ की टीमों का कहना है कि अंदर फंसे मजदूरों को नाश्ता और पानी दिया गया है और उन्हें उम्मीद है कि आज शाम तक वे मलबे को हटाकर मजदूरों को बाहर निकाल लेंगे.
कर्मवीर सिंह भंडारी-सहायक कमांडर एनडीआरएफ ने बताया कि, “हम फंसे हुए श्रमिकों को कुछ चिप्स और पानी देने में कामयाब रहे हैं. हम पुष्टि कर सकते हैं कि श्रमिक सुरक्षित स्थिति में हैं. बचाव अभियान जारी है, हमें उम्मीद है कि आज शाम तक हम मजदूरों को बाहर निकाल लेंगे और उन्होंने बताया कि उस हिस्से में प्लास्टर का काम पूरा नहीं हुआ था, यही कारण है कि सुरंग ढह गई.”
उत्तरकाशी से एसपी अर्पण यदुवंशी के अनुसार हादसा सिलक्यारा की तरफ शनिवार तड़के करीब चार बजे हुआ जब साढ़े चार किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन सुरंग का करीब 200 मीटर हिस्सा टूट गया.
सुरंग के अंदर फंसे लोगों को निकालने के लिए पुलिस कर्मियों के साथ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें युद्ध स्तर पर राहत और बचाव अभियान चला रही हैं.
प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के जवान रणवीर सिंह चौहान ने कहा, “काम बहुत तेजी से चल रहा है. हर कोई बहुत मेहनत कर रहा है. हम कल दुखी थे क्योंकि हम फंसे हुए लोगों से संपर्क नहीं कर पा रहे थे. लेकिन फिर हम संपर्क करने में सक्षम हुए.”
सुरंग के ढहने की खबर जिला कंट्रोल रूम को मिली जिसमें एसडीआरएफ टीम की मदद की गुहार लगाई गई थी. जानकारी मिलने के बाद एसडीआरएफ कमांडर मनिकांत मिश्रा ने तुरंत बचाव टीम को इंसपेक्टर जगदंबा विजालवन के नेतृत्व में मौके पर जरूरी सामान के साथ भेजा.
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