scorecardresearch
Wednesday, 20 November, 2024
होमविदेशपुतिन की मंजूरी का इंतजार, रूस की काउंसिल ने परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि तोड़ने का बिल किया पास

पुतिन की मंजूरी का इंतजार, रूस की काउंसिल ने परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि तोड़ने का बिल किया पास

अल जज़ीरा के अनुसार, रूसी उच्च सदन फेडरेशन काउंसिल ने बुधवार को परमाणु हथियार परीक्षणों को गैरकानूनी घोषित करने वाले महत्वपूर्ण समझौते को रद्द करने के विधेयक को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी.

Text Size:

मॉस्को (रूस) : अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध के बीच, रूसी सांसदों ने व्यापक परमाणु टेस्ट प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) को रद्द करने के एक विधेयक को मंजूरी दी है.

अल जज़ीरा के अनुसार, रूसी उच्च सदन फेडरेशन काउंसिल ने बुधवार को परमाणु हथियार परीक्षणों को गैरकानूनी घोषित करने वाले महत्वपूर्ण समझौते को रद्द करने के विधेयक को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी.

निचला सदन स्टेट ड्यूमा ने पिछले सप्ताह त्वरित मतदान में इसे पारित कर दिया. कानून को प्रभावी होने के लिए अब केवल राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हस्ताक्षर की जरूरत है.

अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, 6 अक्टूबर को रूस ने संधि से हटने के अपने इरादे की घोषणा की, लेकिन यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि इस निर्णय के नतीजे के तौर पर रूस परमाणु हथियारों का परीक्षण फिर से शुरू करेगा या नहीं.

5 अक्टूबर को पुतिन ने कहा, “मुझे परमाणु हथियारों के टेस्ट करने की बात पता चला है. मैं यह कहने को तैयार नहीं हूं कि हमे वाकई में परीक्षण करने की जरूरत है या नहीं.”

उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि मॉस्को प्रतिबंध का सम्मान करना जारी रखेगा और अगर अमेरिका ऐसा करेगा तो ही वह परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करेगा.

हालांकि, उन्होंने बुधवार को कहा कि अमेरिका ने अपनी टेस्ट साइट नेवादा में केमिकल विस्फोट किया है.

जबकि वाशिंगटन ने कहा कि परीक्षण से उसे कम क्षमता वाले परमाणु विस्फोटों का “पता लगाने” में मदद मिलेगी, रयाबकोव ने फेडरेशन काउंसिल को बताया कि विस्फोट “नि:संदेह एक राजनीतिक संकेत” था.

अधिकारी ने कहा, “जैसा कि हमारे राष्ट्रपति ने कहा, हमें सतर्क रहना चाहिए और अगर संयुक्त राज्य अमेरिका परमाणु परीक्षण शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ता है, तो हमें उसी तरह से जवाब देना होगा.”

अमेरिका ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वह संधि के को रद्द करने के रूस के कदम से “परेशान” हुआ.

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, “किसी भी देश की पार्टी द्वारा इस तरह का कदम बेवजह परमाणु विस्फोटक टेस्ट के खिलाफ वैश्विक मानदंड को खतरे में डालता है.”

विदेश विभाग ने कहा, रूस को “अन्य देशों पर दबाव डालने के असफल प्रयास में हथियार नियंत्रण और परमाणु टेस्ट को लेकर गैरजिम्मेदार बयानबाजी नहीं करनी चाहिए”, ऐसा प्रतीत होता है कि इस कदम का उद्देश्य अमेरिका और अन्य देशों पर दबाव डालना है जो रूसी सेना के खिलाफ यूक्रेन का लड़ाई में समर्थन कर रहे हैं.

गौरतलब है कि पड़ोसी देश पर आक्रमण करने के बाद से, पुतिन ने बार-बार रूस के परमाणु सिद्धांत का सहारा लिया है.


यह भी पढ़ें : ‘खोखली बयानबाजी, NCERT पर मोदी सरकार का दवाब’- INDIA-भारत टेक्स्ट बुक विवाद पर विपक्ष ने क्या क्या कहा


 

share & View comments