नई दिल्ली: 2000 के नोट को जमा करने की अंतिम तिथि 7 अक्टूबर को ही खत्म हो चुकी है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि केवल 12,000 करोड़ रुपए या फिर प्रचलन में कुल 2000 के नोट के 3.37 प्रतिशत ही बैंकों के पास नहीं आए हैं. इसका अर्थ यह है कि लगभग 96 प्रतिशत से अधिक नोट वापस आ गए हैं.
हालांकि, जमा करने की समय सीमा पूरी हो जाने के बाद RBI ने नहीं बताया है कि 2000 के कुल कितने नोट आ चुके हैं और कितने बच गए हैं.
अब जाकर यह सवाल उठता है कि उन व्यक्तियों का क्या होगा जिन्होंने समय सीमा खत्म होने से पहले नोट बैंक में जमा नहीं करा पाए.
समय सीमा खत्म होने के बाद यह रास्ता
RBI ने समय सीमा खत्म हो जाने तक 2000 का नोट नहीं जमा करा पाने वालों के लिए भी एक सुविधा दी है. RBI के मुताबिक जो लोग समय सीमा तक बैंक में 2000 के नोट जमा नहीं करा पाए वो रिजर्व बैंक के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों में जाकर नोट जमा कर सकते हैं. वे 19 RBI के क्षेत्रिय कार्यालय अहमदाबाद, बैंगलोर, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना और तिरुवनंतपुरम में हैं. हालांकि, RBI ने इसे लिए लिमिट तय की है. रिजर्व बैंक के मुताबिक समय सीमा खत्म हो जाने के बाद एक बार में एक व्यक्ति 2000 के केवल 10 नोट जमा करा सकता है.
बता दें कि रिजर्व बैंक ने इस साल 19 मई को 2000 के नोट को बंद करने की घोषणा की थी. शुरू में RBI ने नोट जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर तक रखी थी लेकिन बाद में लोगों के अनुरोध और बैंकों में जमा करने वालों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए इसे बढ़ाकर 7 अक्टूबर 2023 तक कर दिया गया.
2000 का नोट नोटबंदी के बाद पहली बार 2016 में प्रचलन में आया था जब भारत सरकार ने 500 और 1000 के पुराने नोट को बंद करने का फैसला लिया था. बाद में अन्य मूल्यवर्ग के नोट बाजार में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने के बाद साल 2018-19 के आस-पास रिजर्व बैंक ने 2000 के नोट की छपाई बंद कर दी थी.
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