नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने बुधवार को एक प्रतिस्पर्द्धी अर्थव्यवस्था के गठन पर जोर देते हुए कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विनिर्माण क्षेत्र के उभार एवं उत्थान को लेकर भारत का अनुभव बाकी दुनिया से अलग रहा है।
विरमानी ने यहां ‘इंस्टीट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट’ (आईएसआईडी) में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने पिछले 10 साल में उत्पाद एवं सेवा क्षेत्र से संबंधित नीतिगत सुधारों के साथ खुद को स्थापित किया है।
उन्होंने कहा, ‘विनिर्माण जीडीपी के उभार एवं उत्थान को लेकर भारत का अनुभव बाकी दुनिया से अलग रहा है। इसमें पिछले कई वर्षों से एक स्थिरता देखने को मिली है।’
नवीनतम सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत के जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 17 प्रतिशत है।
विरमानी ने कहा कि भारत ने उद्यमशीलता और स्टार्टअप के लिए गतिशीलता को बढ़ावा दिया है और इसके साथ सार्वजनिक क्षेत्र एवं संस्थागत सुधारों को भी कार्यरूप दिया है।
उन्होंने कहा, ‘एक प्रतिस्पर्द्धी अर्थव्यवस्था बनाने की जरूरत है, न कि सिर्फ वर्चस्व वाले कुछ खंड ही हों।’
नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि सरकार को प्रतिस्पर्द्धा एवं निवेश के अनुकूल बाजार बनाने के लिए कदम उठाने के साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कल्याणकारी लाभ हरेक क्षेत्र के हरेक समूह तक पहुंचे। इसमें निजी क्षेत्र को भी प्रतिस्पर्द्धा का हिस्सा बनने, नवाचार और निवेश में अपनी भूमिका निभाने की जरूरत है।
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