नई दिल्ली: तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने शुक्रवार को तमिलनाडु में पीएम विश्वकर्मा योजना का विरोध करने वाले दलों पर जमकर निशाना साधा और कहा कि कुछ लोग हर चीज को राजनीति के चश्मे से देखते हैं.
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) और पीएम विश्वकर्मा योजना का विरोध करने वाले अन्य दलों पर परोक्ष हमला करते हुए राज्यपाल आरएन रवि ने कहा, “दुर्भाग्य से हमारे देश में लंबे समय से आज भी कुछ लोग हर चीज को राजनीति के चश्मे से देखते हैं. कुछ लोग पीएम विश्वकर्मा योजना की आलोचना कर रहे हैं और इसे ‘कुल कल्वी थित्तम’ कह रहे हैं. मानो लोहार का बेटा या बेटी लोहार ही हो. ये वही लोग हैं जिन्होंने समाज को बांट रखा है.”
राज्यपाल रवि ने आगे कहा कि ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने सामाजिक न्याय के नाम पर देश के एक बड़े वर्ग खासकर एससी और एसटी समुदाय के लोगों को आज भी दबा कर रखा है.
उन्होंने आगे कहा, “मैंने अखबार में पढ़ा कि दो साल पहले चुनी गई एक महिला अध्यक्ष को पद की शपथ नहीं लेने दी गई क्योंकि वह एक विशेष समुदाय से आती हैं और, हम गर्व से कहते हैं कि हम सामाजिक न्याय के चैंपियन हैं.”
विशेष रूप से, पी इंदुमति (तिरुपत्तूर जिला), ग्रामीण स्थानीय चुनाव जीतने के दो साल बाद पद की शपथ नहीं ले सकीं, क्योंकि वह एससी समुदाय से थीं.
द्रमुक, तमिलनाडु कांग्रेस, सीपीआई (एम), द्रविड़ कड़गम और तमिलनाडु की कुछ अन्य पार्टियां केंद्र की विश्वकर्मा योजना का विरोध कर रही हैं और दावा कर रही हैं कि यह जाति-आधारित वंशानुगत व्यवसायों को जारी रखने का प्रयास है.
द्रविड़ कड़गम ने 6 सितंबर को चेन्नई में ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ के खिलाफ एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि केंद्र सरकार जाति-आधारित वंशानुगत व्यवसायों को लागू करने की कोशिश कर रही है.
उस विरोध प्रदर्शन में कई समान विचारधारा वाले संगठन और राजनीतिक दल भी शामिल होने वाले हैं.
अपने 73वें जन्मदिन के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा की जयंती के अवसर पर विश्वकर्मा योजना शुरू की.
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