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Tuesday, 5 November, 2024
होमदेशनहीं थम रहा कोटा में आत्महत्या करने का सिलसिला, NEET की तैयारी कर रही 16 वर्षीय छात्रा ने लगाई फांसी

नहीं थम रहा कोटा में आत्महत्या करने का सिलसिला, NEET की तैयारी कर रही 16 वर्षीय छात्रा ने लगाई फांसी

विज्ञान नगर पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी देवेश भारद्वाज ने बताया कि यह घटना मंगलवार रात को हुई. पीड़िता की पहचान 16 वर्षीय ऋचा सिंह के रूप में हुई है, जो रांची की रहने वाली थी.

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नई दिल्ली: मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी का हब माने-जाने वाले शहर कोटा में छात्र-छात्राओं के आत्महत्या का मामला कम होने का नाम नहीं ले रहा है. कोटा में नीट की तैयारी कर रही एक 16 साल की लड़की ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. कोटा के विज्ञान नगर पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बुधवार सुबह यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि लड़की कोटा में रहकर नीट की तैयारी कर रही थी.

विज्ञान नगर पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी देवेश भारद्वाज ने आगे बताया कि यह घटना मंगलवार रात को हुई. उन्होंने बताया कि पीड़िता की पहचान 16 वर्षीय ऋचा सिंह के रूप में हुई है.

अधिकारी ने कहा कि वह कोटा में इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स के एक छात्रावास में रह रही थी, जहां वह मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही थी. मृतक लड़की रांची, झारखंड की रहने वाली थी.

इससे पहले, अगस्त में, राजस्थान के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कोटा में कोचिंग संस्थानों में छात्रों के बीच बढ़ती आत्महत्या के मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि शहर में अधिकांश ट्यूटोरियल पैसा कमाने के एकमात्र उद्देश्य से चलाए जा रहे हैं, जिसके चलते छात्र-छात्राओं पर काफी मानसिक दवाब का सामना करना पड़ता है.

खाचरियावास ने इन कोचिंग सेंटरों को ‘माफिया’ करार देते हुए कांग्रेस सरकार से इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया था.

पुलिस ने कहा कि इसी तरह की एक घटना बीते 27 अगस्त को भी हुई थी, जब एक 16 वर्षीय छात्र, जो मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए नीट की तैयारी कर रहा था, ने कथित तौर पर अपने कोचिंग संस्थान में आत्महत्या कर ली.

मृतक की पहचान महाराष्ट्र के आविष्कार के रूप में हुई. वह अपने कोचिंग सेंटर की छठी मंजिल से कूद गया था. सूत्रों के मुताबिक, इस साल कोटा में आत्महत्या की यह 23वीं घटना थी.

कोटा में छात्रों के बीच आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बीच, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में एक कमेटी बनाई थी, जिसे ऐसे मामलों को देखने और जल्द से जल्द एक रिपोर्ट दाखिल करने का काम सौंपा गया था.


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