जी20 में शामिल होने आए गणमान्य नेताओं के लिए आयोजित राष्ट्रपति के भोज में संसद के किसी भी सदन से विपक्षी नेताओं को आमंत्रित नहीं करना गरिमा के खिलाफ है. यह भारत की खंडित राजनीति की गलत तस्वीर पेश करता है. G20 भारत की लोकतांत्रिक ताकत को प्रदर्शित करने का एक अवसर है, विभाजन का नहीं. यह पीएम मोदी की ओर से राजनीतिक कौशल की मांग करता है, न कि पक्षपातपूर्ण राजनीति की.