(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि ब्रिटेन में 90 एकड़ का मकान खरीदने के लिए गैरकानूनी विदेशी रकम भेजने के आरोप में विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून के तहत पशुपालन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ‘वेंकटेश्वर हैचरीज प्राइवेट लिमिटेड’ की 65 करोड़ रुपये से अधिक की नौ संपत्तियां जब्त की गयी हैं।
जो संपत्तियां जब्त की गयी हैं वे महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में स्थित हैं। ईडी विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के प्रावधानों के तहत इस मामले की जांच कर रही है और यह मामला ‘वेंकीज ओवरसीज लिमिटेड (वीओएल), ब्रिटेन’ नाम से इसकी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी को 2011 से कंपनी द्वारा यह रकम भेजे जाने से जुड़ा है।
ईडी के अनुसार, इन संपत्तियों का कुल मूल्य 65.53 करोड़ रुपये है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि वेंकटेश्वर हैचरीज प्राइवेट लिमिटेड (वीएचपीएल) ने वीओएल के कारोबार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में कृषि (बत्तखों, मुर्गियों आदि का पालन) तथा खनन से जुड़ा बताया था।
वीओएल के निगमन के बाद वीएचपीएल ने इक्विटी निवेश की आड़ में ‘‘भारी रकम’’ भेजी।
ईडी ने कहा, ‘‘हालांकि वीओएल ने अपने निगमन के 11 साल से अधिक समय बाद भी इस तरह का कोई कारोबार शुरू नहीं किया था।’’
उसने बताया कि वीओएल ने वीएचपीएल के निदेशकों तथा कर्मचारियों की सुविधा के मद्देनजर वीएचपीएल द्वारा भेजी रकम के जरिए ब्रिटेन में ‘‘एलेक्जेंडर हाउस’’ नाम से 90 एकड़ की एक अचल संपत्ति खरीदी थी।
जांच में पता चला कि वीएचपीएल द्वारा वीओएल को भेजी रकम का इस्तेमाल उक्त अचल संपत्ति खरीदने के लिए ब्रिटेन के बार्कलेज बैंक से वीओएल द्वारा लिए कर्ज के भुगतान में किया गया।
जांच एजेंसी ने इसे कानून का उल्लंघन मानते हुए फेमा के अनुच्छेद 37ए के प्रावधानों के तहत भारत में इतनी ही मूल्य की संपत्तियां जब्त कर ली है।
भाषा
गोला मनीषा निहारिका
निहारिका
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