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Tuesday, 17 December, 2024
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‘राजनीति में 2+2 = 4 नहीं होता,’ गडकरी बोले- UPA का दिवाला पिट चुका है वो INDIA की नई दुकान खोल रहे हैं

केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी को भरोसा है कि भाजपा के विकास कार्य उसे 2024 में सत्ता में वापस लाएंगे. उन्होंने INDIA गठबंधन को 'समझौते का खेल' कहकर खारिज कर दिया.

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नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिप्रिंट के साथ एक विशेष इंटरव्यू में कहा कि भारत को विश्वगुरु बनाने का भाजपा का ‘सपना’ एक दिन पूरा होगा, भले ही व्यक्तिगत ‘सपने देखने वाले’ बदल जाएं.

गडकरी ने स्वीकार किया कि “परिवर्तन प्रकृति का नियम है”, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को 2024 में तीसरा कार्यकाल मिलेगा और उन्हें किसी से कोई खतरा नहीं है, उन्होंने विपक्षी INDIA गठबंधन की तुलना एक ऐसे व्यवसाय से की जो दिवालिया हो जाता है तब अपना नाम बदल लेता है.

उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली INDIA की राजनीति को “समझौतों, मजबूरियों, सीमाओं और विरोधाभासों का खेल” बताया है. और इसकी तुलना जनता पार्टी गठबंधन से की, जो इंदिरा गांधी को हराने के लिए बनाया गया था, लेकिन अंततः सत्ता में आने के कुछ ही समय बाद बुरी तरह से ढह गया.

उन्होंने कहा, “मुझे याद है कि इंदिराजी के खिलाफ सभी पार्टियां एकजुट हो गई थीं- कांग्रेस (ओ), जनसंघ, लोक दल, समाजवादी पार्टी- और एक बड़ा गठबंधन बना था. जब गणना की गई तो सभी को लगा कि वे जीतेंगे लेकिन कांग्रेस जीत गई (1980 में). इसलिए राजनीति में 2+2 = 4 नहीं होता.”

गडकरी ने दावा किया कि वर्तमान विपक्षी दल एक साथ आ गए हैं क्योंकि भाजपा “मजबूत” है और उसने अच्छा काम किया है.

उन्होंने कहा, “वे हमें अकेले नहीं हरा सकते, इसलिए उन्होंने इस गठबंधन के बारे में सोचा.”

उन्होंने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “और दूसरी बात ये है कि उन्होंने अपना नाम बदल लिया है – जब कोई उद्योग या व्यवसाय दिवालिया हो जाता है, तो वह अपना पुराना नाम बदल लेता है और नया नाम रख लेता है. और फिर यह बैंक में एक नया खाता खोलता है क्योंकि एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्ति) के बाद बैंक आपको नया ऋण नहीं देता है. ऋण प्राप्त करने के लिए उन्हें एक नए नाम के साथ आना होता है, ”

उन्होंने कहा. “जिसका दिवाला पिट चुका है वो नई दुकान खोल रहे हैं.”

सोमवार को दिल्ली में अपने घर पर दिप्रिंट के साथ व्यापक बातचीत में, गडकरी ने भाजपा के दर्शन और इतिहास, पार्टी में अपने उत्थान और यहां तक कि द्वारका एक्सप्रेस वे पर उठे विवाद जिसमें प्रति किमी 250 करोड़ रुपये की कथित लागत के बारे में भी विस्तार से बात की.


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‘यह युवाओं की पार्टी है’

गडकरी ने बताया कि कैसे भाजपा एक “विचारधारा से प्रेरित पार्टी” है जिसकी आत्मा राष्ट्रवाद है और जिसने विकास और सुशासन को अपना मिशन बनाया है.

1980 में भाजपा की स्थापना के बाद से उसकी यात्रा पर विचार करते हुए, गडकरी ने पार्टी के लोकाचार के लिए आधार तैयार करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज नेताओं को श्रेय दिया.

केंद्रीय सड़क मंत्री ने कहा, “अटल जी कहते थे प्रधान मंत्री आएंगे और जाएंगे, पार्टी बदल जाएगी, लेकिन देश रहेगा. हम देश के लिए काम करते हैं… हमारी मातृभूमि का गौरव हमेशा बना रहना चाहिए.”

गडकरी ने कहा कि पार्टी ने बदलाव और नये खून को अपनाया, लेकिन उसका अपना चरित्र अपरिवर्तनीय है.

गडकरी ने कहा, “जो लोग कल वहां थे वे आज वहां नहीं हैं, और जो आज वहां हैं वे कल यहां नहीं होंगे. पहले धोती वाले बहुत लोग पार्टी में दिखते थे लेकिन अब कोई नहीं दिखता है यह युवाओं की पार्टी है इसलिए बदलाव स्वाभाविक है. और परिवर्तन प्रकृति का नियम है. ”

उन्होंने कहा,“लेकिन जो सबसे महत्वपूर्ण है वह यह है कि पार्टी की मुख्य विशेषताएं नहीं बदली जा सकतीं. भाजपा का राष्ट्रवाद, सुशासन, विकास, सर्व धर्म सम भाव और सामाजिक आर्थिक उत्थान – यह हमारा चरित्र है और यह कभी नहीं बदल सकता.”

2009 से 2013 के बीच भाजपा अध्यक्ष रहे गडकरी ने भाजपा में अपने उत्थान का वर्णन इस बात को रेखांकित करने के लिए किया कि पार्टी नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करती है.

उन्होंने कहा, “एक समय था जब मैं दीवारों पर पोस्टर चिपकाता था. मैं कभी दिल्ली नहीं गया था, लेकिन इस पार्टी ने मुझे उसी कुर्सी पर बैठने का मौका दिया, जिस पर पहले अटल बिहारी वाजपेयी और आडवाणी जी बैठते थे. ये पार्टी निश्चित तौर पर युवाओं को प्रेरणा देती है. मैं उस समय पार्टी के सबसे युवा अध्यक्षों में से एक था. मुझे लगता है कि युवाओं को मौका दिया गया है.’ पीढ़ियां बदलती हैं और हम उन्हें जिम्मेदारियां सौंपते हैं. ”

उन्होंने वंशवाद की राजनीति पर भी कटाक्ष किया.

उन्होंने कहा, “पार्टी में ऐसी कोई शर्त नहीं है कि एक पीएम एक पीएम को जन्म देगा, एक सीएम एक सीएम को जन्म देगा, एक सांसद एक सांसद को और एक विधायक एक विधायक को जन्म देगा. नहीं, यह कार्यकर्ताओं की पार्टी है. ”

बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “अटल जी और आडवाणी जी ने इस पार्टी को बड़ा बनाया है और उन्होंने हमें एक बड़ी पार्टी बनाकर सौंपी है. उन्होंने हमारे और पार्टी के लिए जो काम किया है उसे हम कभी नहीं भूल सकते.’ और आज हमारे पास जो कुछ भी है वह उन कार्यकर्ताओं और उन नेताओं के कारण है.”

‘हमें विश्वगुरु बनना है’

गडकरी ने कहा कि भाजपा के बड़े सपने हैं कि भारत न केवल आत्मनिर्भर बने, बल्कि विश्वगुरु भी बने.

उन्होंने कहा, “हमें विश्वगुरु बनना है – यही हमारा सपना है. सपना देखने वाले लोग बदलते रहेंगे, लेकिन एक दिन हम दुनिया में नंबर एक होंगे. ”

“हमारा सपना भारत को आत्मनिर्भर बनाना है. जो काम कांग्रेस 60-65 साल में नहीं कर पाई, वो हमने 10 साल में कर दिखाया. हमारा लक्ष्य भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का है.”

गडकरी ने दावा किया कि देश जिस तरह से प्रगति कर रहा है वह बढ़ते निर्यात, नए अवसर पैदा होने, अच्छे बुनियादी ढांचे के निर्माण और जल, बिजली, परिवहन और संचार जैसे सभी क्षेत्रों में प्रगति से साफ दिखाई दे रहा है.

उन्होंने कहा, “21वीं सदी की राजनीति विकास की राजनीति है. यह देश विकसित हो रहा है. सड़कों का जाल बढ़ा है, उद्योग बढ़े हैं. हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और जापान भी अब चौथे स्थान पर है. हमारा काम खुद बोलता है.”

उन्होंने कहा कि इन घटनाक्रमों का चुनावी लाभ भी मिलेगा.

उन्होंने कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में सभी विकास कार्यों को देखने वाली जनता एक बार फिर हम पर अपना विश्वास जताएगी. 2024 में भी हमारी पार्टी सत्ता में आएगी और मोदी जी पीएम होंगे. ”

द्वारका एक्सप्रेसवे पर ‘पैसा बचाया’

जब उनसे द्वारका एक्सप्रेसवे की लागत 18 करोड़ रुपये प्रति किमी से बढ़कर 250 करोड़ रुपये प्रति किमी होने के विवाद पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया, जैसा कि नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में बताया गया है, तो मंत्री ने आरोपों से इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा कि जब भारतमाला राजमार्ग परियोजना का प्रस्ताव, जिसमें द्वारका एक्सप्रेसवे एक हिस्सा है, कैबिनेट को प्रस्तुत किया गया था, तो कैबिनेट नोट में कहा गया था कि इस परियोजना में 5,000 किलोमीटर की दो-लेन सड़कों को चार-लेन में परिवर्तित करना शामिल होगा. जिसकी लागत ₹91,000 करोड़ या ₹18 करोड़ प्रति किमी आएगी.

गडकरी ने कहा, “नोट में लिखा था कि हम डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) के बाद लागत को अंतिम रूप दे सकते हैं. द्वारका एक्सप्रेस राजमार्ग की वास्तव में लंबाई में 29 किमी है, लेकिन यदि आप लेन के अनुसार लेते हैं, तो यह 563 किमी है. सीएजी ने जो अनुमानित लागत लिखी है वह 18 करोड़ रुपये प्रति किमी है लेकिन यह कोई सामान्य सड़क नहीं है. इसमें ऊंची सड़कें, अंडरपास और सुरंगें भी शामिल हैं. ”

उनके अनुसार सरकार ने एक्सप्रेसवे परियोजना में “वास्तव में पैसा बचाया”.

उन्होंने कहा,“कुल लेन किमी 563 किमी है लेकिन दुर्भाग्य से सीएजी ने केवल 29 किमी गिना क्योंकि दूरी 29 किमी थी. जब सीएजी के साथ चर्चा हुई, तो हमारे अधिकारियों ने उन्हें सब कुछ समझाया और उन्होंने मान लिया कि सीएजी आश्वस्त हैं और लिखित उत्तर देने की कोई आवश्यकता नहीं है. हमारी तरफ से ये एक गलती हुई.”

गडकरी ने कहा, “पिछले नौ वर्षों में, हमने 50 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की हैं और भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा. दरअसल, प्रोजेक्ट की लागत 597 करोड़ रुपये थी- ये टेंडर लागत थी. हमने इसे 529 करोड़ रुपये में आवंटित किया. इसलिए 12 प्रतिशत की बचत हुई है. ”

(अनुवाद: पूजा मेहरोत्रा)

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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