चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने संसद में 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार को लेकर बात करने के लिए सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है. साथ ही उन्होंने मांग की है कि भारत सरकार इसके लिए सिख समुदाय से माफी मांगे. शिउद प्रमुख के इस कदम से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले शिअद और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच संभावित गठबंधन की अफवाहें दोबारा तेज हो गई है.
हालांकि, दोनों पार्टियों ने अपने दशकों पुराने गठबंधन को दोबारा शुरू करने की किसी भी संभावना से इनकार किया है, लेकिन बादल का प्रधानमंत्री के साथ गर्मजोशी से मिलना उस दिशा में पहला कदम माना जा रहा है.
मोदी सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध पर अकाली ने 2021 में बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया था. बाद में पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने पंजाब लोक कांग्रेस के साथ गठबंधन किया- जो पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस का एक अलग गुट था. अकालियों ने विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया था. हालांकि, दोनों गठबंधनों ने 2022 के विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन किया, जिसके कारण आम आदमी पार्टी पंजाब में सत्ता में आई.
चूंकि कांग्रेस अब INDIA ब्लॉक का नेतृत्व कर रही है- जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के खिलाफ एक संयुक्त विपक्षी गठबंधन है- राजनीतिक हलकों में अकालियों और बीजेपी के एक साथ वापस आने की संभावना को लेकर हलचल तेज है.
शनिवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में, बादल ने 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार को लेकर स्वर्ण मंदिर अमृतसर पर एक “अपमानजनक हमले” के रूप में प्रधानमंत्री के बयान की सराहना की और कहा कि इसके बाद भारत सरकार को बिना शर्त सिख समुदाय से माफी मांगनी चाहिए.
इस सप्ताह की शुरुआत में संसद में अविश्वास प्रस्ताव के अपने जवाब में, प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन ब्लू स्टार को सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था “अकाल तख्त पर हमला” के रूप में पेश किया था. मोदी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की आलोचना कर रहे थे, जिन्होंने 1984 में सिख आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए भारतीय सेना को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के परिसर में प्रवेश करने का आदेश दिया था. सिखों के लिए, इसे बेअदबी और उनके पवित्रतम तीर्थस्थलों को अपवित्र करने का कृत्य माना गया था.
पीएम ने मिजोरम पर 1966 के वायु सेना के हमले का भी जिक्र किया, “क्या अपने ही देश में नागरिकों पर वायुसेना द्वारा हमला करवाना सही है? उस समय इंदिरा गांधी देश पर शासन कर रही थी. अकाल तख्त पर हमला किया गया. यह आज भी हमारी स्मृति में ताज़ा है. यहीं काम उन्होंने मिज़ोरम में किया था. उन्होंने मेरे ही देश में अकाल तख्त पर हमला किया, और अब वे हमें उपदेश दे रहे हैं.”
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‘बिना शर्त माफी न मांगने का कोई कारण नहीं बचा’
प्रधानमंत्री के बयान को स्वीकार करते हुए, बादल ने ट्वीट किया: “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का स्वागत करता हूं, जिसमें अंततः पवित्रतम सिख मंदिर, सचखंड श्री हरमंदिर साहिब और सिख धार्मिक-राजनीतिक प्राधिकरण की सर्वोच्च सीट श्री अकाल तख्त साहिब पर एक अपमानजनक हमले के रूप में ऑपरेशन ब्लूस्टार के अपराध को स्वीकार किया है. अब भारत सरकार के पास गुरु के निवास के खिलाफ इस सबसे दुखद अपमान के लिए खालसा पंथ से बिना शर्त माफी न मांगने का कोई कारण नहीं बचा है.”
बादल ने कहा कि अगला तार्किक कदम भारत सरकार के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार के लिए बिना शर्त माफी मांगना होगा.
बादल ने कहा, “इसलिए, मैं प्रधान मंत्री से जून 1984 में श्री हरमंदिर साहिब पर सेना के हमले के बारे में अपने ईमानदार बयान का पालन करने के लिए एकमात्र स्पष्ट और तार्किक अगला कदम उठाने का आह्वान करता हूं. महान गुरु से भारत सरकार की बिना शर्त माफी मांगना. साथ ही सरकार को पूरे सिख कौम (समुदाय) से इस कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए.”
शिअद अध्यक्ष ने अपने पोस्ट में कहा, “यह सिख जनता के गहरे और अभी भी रिस रहे घावों को भावनात्मक रूप से बंद करने और पंजाब और देश में दो प्रमुख समुदायों के बीच सदियों पुराने संबंधों को बहाल करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा.”
उन्होंने कहा, इससे पूरे देश में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल मजबूत होगा. यह देश की छवि से काला धब्बा हटाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगा और देश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर देशभक्त सिख समुदाय के मन में विश्वास और निष्ठा पैदा करेगा.”
बादल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल से भी विपक्षी गठबंधन के सदस्य के रूप में माफी मांगने को कहा.
उन्होंने कहा, “मैं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से इस पहल में प्रधानमंत्री के साथ शामिल होने और इस पर राजनीति नहीं करने का आह्वान करता हूं. मैं विशेष रूप से आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से आग्रह करता हूं कि वह विपक्षी गठबंधन के सदस्य के रूप में इस माफी की पेशकश करने के लिए आगे आएं, जिसमें 1984 के भयानक और अमानवीय अपराधों का अपराधी एक प्रमुख घटक है. केजरीवाल की पार्टी अब पंजाब पर शासन कर रही है और इसलिए, इस संबंध में यह उनकी विशेष नैतिक जिम्मेदारी है.”
(संपादनः ऋषभ राज)
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