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Monday, 6 May, 2024
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NCERT की किताबें, सिलेबस बनाने के लिए नए पैनल में सुधा मूर्ति, बिबेक देबरॉय, शंकर महादेवन को बनाया मेंबर

NCERT द्वारा 21 जुलाई को जारी किए गए नोटिफिकेशन में 19 सदस्यीय राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण सामग्री समिति, स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा को 'गाईडिंग रोडमैप' के रूप में इस्तेमाल करेगी.

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर स्कूली सिलेबस में संशोधन करने और नई NCERT पाठ्यपुस्तकों को विकसित करने की प्रक्रिया के अंतिम चरण की शुरुआत के लिए एक समिति बनाई है. इस समिति में लेखक और परोपकारी सुधा मूर्ति, प्रधान मंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय, EAC-PM के सदस्य संजीव सान्याल, RSS विचारक चामू कृष्ण शास्त्री और गायक शंकर महादेवन शामिल हैं.

राष्ट्रीय शैक्षिक योजना और प्रशासन संस्थान (NIEPA) के चांसलर महेश चंद्र पंत को 19 सदस्यीय राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण शिक्षण सामग्री समिति (NCTC), यह एक स्वायत संस्था होगी, का अध्यक्ष बनाया गया है. इसके लिए नोटिफिकेशन राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद (NCERT) द्वारा जारी किया गया है. दिप्रिंट को इसकी जानकारी मिली है.

28 जुलाई को, स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF-SE), जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लिए स्कूल पाठ्यक्रम में बदलाव की एक रूपरेखा तैयार करती है, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को सौंपी गई थी.

NCF-SE को 21 सदस्यीय स्टीयरिंग पैनल द्वारा अंतिम रूप दिया गया था, जिसका गठन सितंबर 2021 में किया गया था और इसकी अध्यक्षता भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन ने की थी.

चेयरपर्सन पंत के अलावा, फील्ड्स मेडल प्राप्तकर्ता और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मंजुल भार्गव और आईआईटी-गांधीनगर के विजिटिंग प्रोफेसर मिशेल डैनिनो, जो नए NCTC में हैं, NCF स्टीयरिंग पैनल के सदस्य थे.

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NCTC सदस्य शास्त्री भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की उच्चाधिकार प्राप्त समिति- भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष भी हैं.

21 जुलाई NCERT के नोटिफिकेशन के मुताबिक. नई समिति NCF-SE को पूरे देश में स्कूली शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक डेवलपर्स के लिए “रोडमैप” बनाने का काम दिया जाएगा.

सरकार ने पहले कहा है कि वह 2024-25 शैक्षणिक सत्र से नई पाठ्यपुस्तके लाने के बारे में सोच रही है.

नोटिफिकेशन में कहा गया है, “राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण शिक्षण सामग्री समिति को कक्षा 3 से 12 के लिए स्कूली पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकें और शिक्षण सामग्री को डेवलप करने का काम दिया गया है. कक्षा 1 और 2 की मौजूदा पाठ्यपुस्तकों को संशोधित करने का भी यही समिति करेगी.”

NCTC की शर्तों में कहा गया है कि समिति द्वारा विकसित की जाने वाली पाठ्यपुस्तकें और अन्य शिक्षण सामग्री NCERT द्वारा प्रकाशित और वितरित की जाएंगी. NCTC को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल प्रत्येक विषय के लिए पाठ्यपुस्तकें विकसित करने के लिए पाठ्यचर्या क्षेत्र समूह नामक उप-समूह स्थापित करने के लिए भी अधिकृत किया गया है.

वर्तमान में प्रचलन में NCERT पाठ्यपुस्तकें 2005 NCF के आधार पर तैयार की गई हैं.

अकादमिक से सामाजिक कार्यकर्ता बने योगेन्द्र यादव और राजनीतिक वैज्ञानिक सुहास पलशिकर 2005 NCF के अनुसार स्कूल पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए केंद्र की पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार द्वारा गठित पाठ्यपुस्तक विकास समिति के सदस्यों में से थे.

जून में, यादव और पल्शिकर ने NCERT को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि उनके नाम उन पाठ्यपुस्तकों से हटा दिए जाएं जिन्हें उन्होंने विकसित करने में मदद की थी क्योंकि उसमें काफी बदलाव कर दिया गया है.

वे “तर्कसंगतता” अभ्यास के तहत NCERT द्वारा राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों से महात्मा गांधी की हत्या और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध जैसे हिस्सों को हटाने का जिक्र कर रहे थे.

(संपादनः ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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