नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सदन में पिछले 12 दिनों से हो रहे विपक्ष के हंगामें से नाराज हो गए हैं. उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए सदन में न आने का फैसला किया है जिसके बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को सभापति से सदन की अध्यक्षता फिर से शुरू करने का आग्रह किया.
बता दें कि संसद के मानसून सत्र को शुरू हुए 12 दिन का समय बीत चुका है लेकिन मणिपुर मुद्दे पर हंगामे के चलेत सदन की कार्यवाही एक दिन में नहीं चल पा रही है. सांसदों के हंगामे से सभापति ओम बिरला लोकसभा की कार्यवाही का संचालन नहीं कर पाने के कारण ओम बिरला ने सदन में नहीं आने का फैसला किया है. अब विपक्षी सांसद अधीर रंजन चौधरी ने अपील की है कि लोकसभा सभापति ओम बिरला कार्यवाही का संचालन करें.
अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा की बैठक शुरू होने के तुरंत बाद यह अनुरोध किया.
चौधरी ने कहा कि वह विश्वास के साथ कह सकते हैं कि सदन का प्रत्येक सदस्य अध्यक्ष का बहुत सम्मान करता है और उनकी प्रशंसा करता है.
चौधरी ने कहा, “सारे सदस्य स्पीकर साहब के मुरीद हैं…मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं. कृपया उन्हें बुलाएं, वह हमारे संरक्षक हैं.”
अध्यक्ष के रूप में मौजूद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि वह चौधरी की भावनाओं से अध्यक्ष को अवगत करायेंगे.
विपक्षी दल मणिपुर की स्थिति पर बहस से संबंधित अपनी मांगों को लेकर लोकसभा में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, नारे लगा रहे हैं और तख्तियां प्रदर्शित कर रहे हैं.
वे इस बात पर भी दबाव डाल रहे हैं कि सदन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करे. हालांकि अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और अगस्त के दूसरे हफ्ते में पेश किया जाएगा और पीएम 10 अगस्त को सदन में जवाब देंगे.
20 जुलाई को संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित हुई है.
सूत्रों ने बुधवार को बताया कि उनकी नियमित अपील के बावजूद हंगामेदार दृश्यों को देखते हुए अध्यक्ष ने लोकसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता तब तक नहीं करने का फैसला किया जब तक सदस्य सदन की गरिमा के अनुरूप व्यवहार नहीं करते.
बुधवार को जब संसद की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कुर्सी पर नहीं थे.
सूत्रों के मुताबिक, ओम बिरला ने सदन के कामकाज को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से गहरी नाराजगी जताई है.
मणिपुर हिंसा से संबंधित विपक्षी दलों की मांगों को लेकर सदन को गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान एक बार फिर स्थगन का सामना करना पड़ा.
बता दें कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी संसद में विपक्ष के नेताओं से राज्यसभा के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के कक्ष में मुलाकात कर रहे हैं. विपक्ष राज्यसभा में मणिपुर मुद्दे पर पूरी चर्चा चाहता है और पीएम से इस पर बयान की मांग कर रहा है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, एनसीपी की सुप्रिया सुले, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, बीएसपी के रितेश पांडे, बीजेपी के राजेंद्र अग्रवाल, टीएमसी के सौगत रॉय, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और डीएमके की कनिमोझी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और उनसे आने का आग्रह किया. सदन को अध्यक्ष की गरिमा बनाए रखने का आश्वासन दिया.