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Saturday, 16 November, 2024
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महाराष्ट्र में भारी बारिश के चलते बीते 10 दिनों में 16 लोगों की मौत, हजारों मकान क्षतिग्रस्त

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि मूसलाधार बारिश से 54,000 हेक्टेयर कृषि भूमि भी प्रभावित हुई है, जिसमें 53,000 हेक्टेयर कृषि भूमि अमरावती मंडल में है. 2,796 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

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नागपुर/अमरावती: महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में 10 दिन में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि भारी बारिश के चलते कम से कम 4,500 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि मूसलाधार बारिश से 54,000 हेक्टेयर कृषि भूमि भी प्रभावित हुई है, जिसमें 53,000 हेक्टेयर कृषि भूमि अमरावती मंडल में है. 2,796 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार भारी बारिश से होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

प्राधिकारियों द्वारा जारी प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, नागपुर मंडल में 13 जुलाई से अब तक बाढ़, और बिजली गिरने की घटनाओं में 11 लोगों की मौत हुई है. गढ़चिरौली और भंडारा में तीन-तीन, वर्धा और गोंदिया में दो-दो तथा चंद्रपुर में एक व्यक्ति की मौत हुई है.

अमरावती मंडल में 21 जुलाई को एक दिन में चार लोगों की मौत हुई, जिसमें यवतमाल में हुई तीन लोगों की हुई मौत भी शामिल है. अकोला और बुलढाणा में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई.

विदर्भ के 11 जिलों को दो मंडल में विभाजित किया गया है – अमरावती और नागपुर. नागपुर मंडल में नागपुर, गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर, गढ़चिरौली और वर्धा जिले शामिल हैं, जबकि अमरावती मंडल में अमरावती, अकोला, यवतमाल, वाशिम और बुलढाणा शामिल हैं.

विदर्भ के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिन से भारी बारिश हो रही है.

नागपुर स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रविवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में अकोला में 107.9 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई. वहीं, यवतमाल में इस अवधि में 24, वर्धा में 23.4, अमरावती में 15.6, नागपुर में 6.7, गढ़चिरौली में 3.0, गोंदिया में 2.2, ब्रह्मपुरी (चंद्रपुर) में 2.4 और बुलढाणा में 2.0 मिमी बारिश हुई.

राज्य के राहत तथा पुनर्वास मंत्री अनिल पाटिल रविवार को यवतमाल पहुंचे और उन्होंने वहां स्थिति का जायजा लिया.

संवाददाताओं से बात करते हुए पाटिल ने कहा कि 21 जुलाई को वर्षा जनित हादसों में तीन लोगों की मौत हुई है. मंत्री ने कहा कि तीनों मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये दिए जाएंगे.

पाटिल ने रविवार को यवतमाल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया. साथ ही, उन्होंने जिला प्रशासन को तुरंत खाद्य सामग्री वितरित करने और जिले में 1,600 से ज्यादा बाढ़ प्रभावित परिवारों को पांच-पांच हजार रुपये की सहायता मुहैया कराने का भी निर्देश दिया.

जिला प्रशासन ने बताया कि अकोला बा और सावर गांव में बाढ़ में दो लोग बह गए, जिनमें से एक का शव अभी बरामद नहीं किया जा सका है.

प्रशासन ने बताया कि इसके अलावा वाघदी गांव में मकान गिरने से एक महिला की मौत हो गई. अकोला में 32 वर्षीय एक व्यक्ति नदी में बह गया, वहीं 47 वर्षीय व्यक्ति बुलढाणा में नदी में पानी के तेज बहाव में बह गया.

अमरावती मंडलीय आयुक्तालय की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार 21जुलाई को बाढ़ और बारिश से 53,056 हेक्टेयर कृषि भूमि पर भी असर पड़ा है.

अमरावती मंडल में बारिश से 2,882 मकान क्षतिग्रस्त हो गए, जिनमें यवतमाल में 1,432, अकोला में 1,424, वाशिम में 14 और अमरावती में 12 मकान हैं. बारिश और बिजली गिरने से अमरावती मंडल में 59 मवेशियों की जान चली गई.

बारिश और बाढ़ से नागपुर मंडल में 875.84 हेक्टेयर कृषि भूमि भी प्रभावित हुई है.

यवतमाल जिले में महागांव तहसील के आनंदनगर टांडा गांव में बाढ़ में फंसे करीब 110 लोगों को शनिवार को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.

अधिकारियों के मुताबिक, यवतमाल के कई इलाकों में रविवार को बाढ़ का पानी घट गया और बारिश में भी कमी आई.

विदर्भ के बुलढाणा जिले में करीब 100 लोग शनिवार को संग्रामपुर तहसील के कतारगांव में सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए.

वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि जिले में रविवार को बाढ़ जैसी स्थिति नहीं देखी गई.

मौसम विभाग के अनुसार, अमरावती जिले में भारी बारिश की संभावना है, जबकि विदर्भ के अन्य हिस्सों में बादल छाए रहने का अनुमान है.

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार अत्यधिक बारिश के कारण होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क है.

नागपुर हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में भारी बारिश की आशंका है, वहां के प्रशासन को मौसम विभाग की चेतावनी भेजी जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की कई टीम को तैनात किया जा रहा है.


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