नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत यात्रा पर आए श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के साथ व्यापक बातचीत की और समग्र आर्थिक एवं रणनीतिक सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया.
विक्रमसिंघे दो दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को दिल्ली पहुंचे. पिछले साल अभूतपूर्व आर्थिक संकट से प्रभावित होने के बाद से श्रीलंका के किसी वरिष्ठ नेता की यह पहली भारत यात्रा है.
भारत ने श्रीलंका को करीब चार अरब डॉलर की वित्तीय सहायता दी थी, जिसमें पिछले साल आर्थिक संकट से प्रभावित होने के दौरान भोजन और ईंधन की खरीद के लिए कर्ज़ की सुविधा भी शामिल है.
भारत ने श्रीलंका के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को 2.9 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज हासिल करने में मदद करने के लिए गारंटी भी दी है.
यह वार्ता राष्ट्रीय राजधानी के हैदराबाद हाउस में हुई थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दोनों नेताओं के बीच बातचीत शुरू होने के बाद ट्विटर पर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता से पहले हैदराबाद हाउस में श्रीलंका के राष्ट्रपति का गर्मजोशी से स्वागत किया. लंबे समय से चले आ रहे भारत-श्रीलंका संबंधों की समीक्षा करने और उन्हें और गति देने का अवसर है क्योंकि दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे हो रहे हैं.’’
दोनों शीर्ष नेताओं के बीच उच्च स्तरीय वार्ता से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने विक्रमसिंघे से मुलाकात की और समझा जाता है कि उन्होंने दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार शाम को उनसे मुलाकात की थी और विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की थी.
जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा था, “भारत यात्रा के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. विश्वास है कि पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उनकी मुलाकात हमारे पड़ोसी संबंधों को और मजबूत करेगी और भारत की नेबरहुड फर्स्ट और SAGAR नीतियों को आगे बढ़ाएगी.”
दो दिवसीय यात्रा पर गुरुवार शाम को नई दिल्ली पहुंचे विक्रमसिंघे का केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री (एमओएस) वी मुरलीधरन ने स्वागत किया.
हैदराबाद हाउस में अपने कार्यक्रमों के बाद विक्रमसिंघे यहां राष्ट्रपति भवन में अपने भारतीय समकक्ष राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे.
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