नई दिल्ली: मणिपुर में पुरुषों के एक समूह द्वारा दो महिलाओं को कथित तौर पर नग्न घुमाने का एक वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने के कुछ घंटों बाद, राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इसे “मानवता के खिलाफ अपराध” कहा, और दिप्रिंट को बताया कि सरकार ने… वीडियो का स्वत: संज्ञान लिया और मामले की जांच के आदेश दिए.
मणिपुर के सीएम ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी कि उन लोगों को मौत की सजा दी जाए जिन्होंने कथित तौर पर एक खेत में वीडियो में देखी गई दो महिलाओं के साथ बलात्कार किया था.
हालांकि वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, घटना कथित तौर पर पहले हुई थी.
सिंह ने दिप्रिंट को बताया, “मैं इस घटना से स्तब्ध हूं और इस जघन्य अपराध की कड़ी निंदा करता हूं. यह मानवता के ख़िलाफ़ अपराध है. वीडियो की सत्यता की जांच करने और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने के निर्देश जारी किए गए हैं. हम इस मामले में मौत की सज़ा के लिए दबाव डालेंगे,”
राज्य में दो महीने से अधिक समय से चल रही जातीय हिंसा से निपटने के अपने तरीके को लेकर आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस को अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने आगे कहा कि मामले में लापरवाही पाए जाने पर दोबारा पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी.
यह पूछे जाने पर कि इस विशेष मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई, मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा के दौरान कई मामले सामने आए थे और उनमें से हर एक की जांच के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
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‘अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जाएगा’
मैतई लोगों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए निकाले गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के बाद 3 मई को मणिपुर के आदिवासी कुकी और गैर-आदिवासी मैतई समुदायों के बीच जातीय झड़पें शुरू हो गईं. जातीय कुकी और उनकी उप-जनजातियों के अधिकारों और संवैधानिक सुरक्षा उपायों को सुरक्षित करने के एक प्रयास के रूप में वर्णित किया गया था.. पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, हिंसा में अब तक 157 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 50,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं.
दिप्रिंट ने पहले रिपोर्ट की थी कि महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा किस तरह से चल रही है जिसके बारे में चर्चा नहीं के बराबर हो रही है.
हिंसा के दौरान जिन लोगों के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया उनमें 40 साल की एक कुकी महिला और एक किशोरी शामिल थी, जिन्हें 4 मई को कांगपोकपी जिले में एक धान के खेत में खींच लिया गया था और नशे में धुत्त लोगों के एक समूह ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था, जिनमें से कुछ 15 वर्ष की उम्र के युवा भी थे.
दिप्रिंट ने पहले राहत शिविरों में सरवाइवर्स और स्वयंसेवकों से बलात्कार के कम से कम छह कथित मामलों पर बात की थी. जिसमें कांगपोकपी की 40 वर्षीय और किशोरी भी शामिल थी, जिनमें से किसी ने भी उस समय पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई थी.
दिप्रिंट से बात करते हुए, बीरेन सिंह ने कहा कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने दो महिलाओं के कथित वीडियो के संबंध में उनसे बात की थी और उन्होंने उन्हें शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया था. इस मामले में गृहमंत्री अमित शाह ने भी बीरेन सिंह से बात की है.
ईरानी ने भी बुधवार को ट्वीट किया कि उन्होंने वायरल वीडियो के बारे में सिंह से बात की थी और उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया था कि “अपराधियों को कटघरे में लाने में कोई कसर नहीं छोडेंगे. ”
The horrific video of sexual assault of 2 women emanating from Manipur is condemnable and downright inhuman. Spoke to CM @NBirenSingh ji who has informed me that investigation is currently underway & assured that no effort will be spared to bring perpetrators to justice.
— Smriti Z Irani (@smritiirani) July 19, 2023
(अनुवाद/ पूजा मेहरोत्रा)
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