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Friday, 22 November, 2024
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दिल्ली में यमुना ख़तरे के निशान 206 मीटर के पार- हाई अलर्ट, चाणक्यपुरी समेत इलाकों में पानी भरा

जल स्तर और बढ़ने पर यमुना के आसपास झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों को वहां से हटना पड़ेगा, बारिश का पानी कुछ सिवल सर्वेंट के घरों में भी प्रवेश कर गया है. 

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नई दिल्ली : दिल्ली में यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से थोड़ा ऊपर 26.24 मीटर को छू गया है, यह खतरे के निशान 204.33 मीटर से ऊपर पहुंच गया है. केंद्रीय जल आयोग ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ का ऊंचा स्तर 207.49 मीटर है. केंद्रीय जल आयोग ने कहा, “यमुना का जल स्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर के पार चला गया है और 206.24 मीटर तक पहुंच गया है. बाढ़ का ऊंचा लेवल 207.49 मीटर है.”

उत्तर रेलवे की ओर से कहा गया है कि दिल्ली में पुराने यमुना ब्रिज के ऊपर से रेल यातायात को आज सुबह 6 बजे से 11 जुलाई तक अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया गया है.

इस बीच, उत्तराखंड के विकासनगर के देहरादून में लगातार बारिश की वजह से यमुना का जल स्तर बढ़ा है.

इससे पहले, सोमवार को 11 बजे, पुराने रेल पुल पर यमुना का जल स्तर 206.04 रिकॉर्ड किया गया. दिल्ली में यमुना नदी जो घंटों चेतावनी लेवल से ऊपर बह रही थी, सोमवार को 5 बजे शाम को खतरे के निशान 205.33 मीटर के पार पहुंच गई, यह ताजा जानकारी बाढ़ कंट्रोल विभाग ने दी है.

राजधानी दिल्ली समेत पूरे ऊत्तर भारत में लगातार बारिश की वजह से हरियाणा द्वारा हथिनीकुंड बैराज से यमुना में अधिक पानी छोड़े जाने से नदी में लगातार जल स्तर बढ़ रहा है.

बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुताबिक, लगभग 2 लाख 15,677 क्यूसेक वाटर सोमवार को 3 बजे हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया है.

शहर में सोमवार को दोपहर के बाद ताजा बारिश हुई थी. शहर में शनिवार और रविवार को लगातार बारिश की वजह से जगह-जगह पानी जमा हो गया है.

इससे पहले सोमवार को, दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सरकार अलर्ट मोड पर है और हालात को काबू करने के लिए पूरी तरह तैयार है.

उन्होंने कहा, “सरकार पूरी तरह अलर्ट पर है. जल स्तर 206 मीटर के ऊपर चला गया है, नदी के किनारे रहने वाले लोगों को हम शिफ्ट करना शुरू करेंगे. उनकी सुरक्षा के लिए राहत शिविर शुरू की जाएगी. 11 जुलाई को पहले लग रहा था कि जल स्तर 205 मीटर के पार जाएगा, क्योंकि हरियाणा से अधिक पानी को नदी में रिलीज किया गया है.”

इससे पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका नहीं है, लेकिन सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.

राष्ट्रीय राजधानी में रिकॉर्ड बारिश ने गरीबों समेत, दिहाड़ी मजदूरों और अपने गंतव्य तक पहुंचने की कोशिश में लगे सभी वर्ग के लोगों पर असर डाला है.

वहीं, जल स्तर और बढ़ने पर यमुना के आसपास झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों को वहां से हटना पड़ेगा, बारिश का पानी कुछ सिवल सर्वेंट के घरों में भी प्रवेश कर गया है.

बारिश का पानी सड़कों पर भर गया और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, इसके लेकर चाणक्यपुरी में राजनयिक एन्क्लेव में रहने वाले लोगों समेत निवासियों ने दिल्ली की अपर्याप्त जल निकासी व्यवस्था पर अपना गुस्सा जाहिर किया है.

चाणक्यपुरी में विदेशी मिशनों वाले राजनयिक एन्क्लेव के साथ-साथ वीआईपी आवास वाले अन्य क्षेत्र भी जलमग्न हो गए हैं.

भारी बारिश और जलभराव के कारण, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने भी भूतल पर रहने वाले वरिष्ठ नौकरशाहों को एहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है.

कई आवासीय कॉलोनियों में मकान गिरने और जलभराव की खबरें हैं. चाणक्यपुरी, काका नगर, भारती नगर जैसे राजनयिक परिक्षेत्रों और एनडीएमसी के अधिकार क्षेत्र में अन्य प्रमुख सड़कों और कॉलोनियों में भी जलभराव की समस्या देखी गई.


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