नई दिल्ली: दिल्ली में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण शहर में खराब होती स्थिति के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दोपहर यानी सोमवार को सचिवालय में एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी मारलेना और संबंधित अधिकारी शामिल होंगे. बैठक में यमुना नदी का जल स्तर बढ़ने पर भी चर्चा होगी.
अधिकारियों के मुताबिक बैठक दिल्ली सचिवालय में होगी. इसमें सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग तथा दिल्ली नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेंगे.
Delhi CM Arvind Kejriwal calls a meeting at the Secretariat this afternoon, in the wake of the situation in the city due to incessant heavy rainfall. Minister Saurabh Bharadwaj, Atishi and concerned officers will attend the meeting. The rise in the level of river Yamuna will also… pic.twitter.com/eFWGK7F0Eq
— ANI (@ANI) July 10, 2023
भारी बारिश के बाद हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसकी वजह से निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है. इसे देखते हुए सीएम केजरीवाल ने आपात बैठक बुलाई है.
हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ने के बाद दिल्ली सरकार ने रविवार को बाढ़ की चेतावनी जारी की थी.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे की अवधि में 153 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई 2023 में एक दिन में हुई है.
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के बाढ़ निगरानी पोर्टल के अनुसार, दिल्ली में नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और मंगलवार को इसके खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार करने की आशंका है. ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर रविवार अपराह्न एक बजे 203.18 मीटर था, जबकि खतरे का स्तर 204.5 मीटर है.
सीडब्ल्यूसी के अनुसार, मंगलवार को सुबह 11 बजे से अपराह्न एक बजे के बीच जलस्तर 205.5 मीटर तक बढ़ने की आशंका है.
देश में हो रही भारी बारिश के कारण दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, गाजियाबाद समेत कई राज्य के स्कूलों की दीवार रविवार को ढह गई है जिसके बाद सोमवार को स्कूलों को बंद रखने की प्रशासन ने घोषणा की.
हिमाचल में भूस्खलन हुआ
हिमाचल प्रदेश में रविवार को ‘भारी से अत्यधिक भारी’ बारिश हुई, जिसके चलते भूस्खलन हुआ और अचानक बाढ़ आ गई. इस दौरान कई इलाके जलमग्न हो गए, सड़कें, वाहन और घर बह गए और छह लोगों की मौत हो गई. वहीं 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है.
मूसलाधार बारिश के बाद चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 765 सड़कें बंद कर दी गईं. राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई लोग फंसे हुए हैं.
अधिकारियों ने कहा कि पिछले 48 घंटों में भूस्खलन की 20 बड़ी घटनाएं गुईं और अचानक बाढ़ आने की 17 घटनाओं की सूचना मिली है. 30 से अधिक घर पूरी तरह और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। रावी, ब्यास, सतलुज, स्वान और चिनाब समेत सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं.
वहीं मनाली के तारा मिल में राष्ट्रीय राजमार्ग 3 का एक हिस्सा ब्यास नदी में बह गया.
#WATCH हिमाचल प्रदेश: मनाली के तारा मिल में राष्ट्रीय राजमार्ग 3 का एक हिस्सा ब्यास नदी में बह गया। pic.twitter.com/EsxO0woPwz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 9, 2023
मनाली में भारी बारिश से दुकानों के बहने और कुल्लू, किन्नौर तथा चंबा में अचानक नालों में आई बाढ़ में वाहनों के बह जाने और कृषि भूमि को नुकसान होने की भी खबरें सामने आई है. शिमला जिले में कई सड़कें बंद कर दी गई हैं.
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