नई दिल्ली: विपक्षी दलों की अगली बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में होगी. पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसकी जानकारी दी.
कांग्रेस नेता ने कहा कि महाराष्ट्र के रविवार के घटनाक्रम से विपक्षी एकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार पार्टी तोड़ते हुए कल एनडीए सरकार में शामिल हो गए थे. उन्होंने कहा, “पटना में विपक्ष की सफल बैठक होने के बाद हम 17 और 18 जुलाई, 2023 को बेंगलुरु में अगली बैठक करेंगे. हम फासीवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों को हराने के अपने अटूट संकल्प पर कायम हैं. हम एक साहसिक दृष्टिकोण पेश करेंगे जिससे देश आगे बढ़े.”
महाराष्ट्र में हालिया राजनीतिक नाटक को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि इस घटनाक्रम से महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
वेणुगोपाल ने कहा, “पीएम मोदी ने हाल ही में एनसीपी नेताओं पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाया था और अब हमने यह नाटक देखा. यह ईडी और उनकी एजेंसियों का स्पष्ट रूप से प्रायोजित खेल है. इसका एमवीए गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.”
उन्होंने कहा, “हम बीजेपी के खिलाफ और अधिक आक्रामक तरीके से लड़ेंगे. इससे विपक्षी एकता पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. यह एनसीपी का निजी मुद्दा है. शरद पवार पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं और वह स्थिति को संभालने में सक्षम होंगे. कुछ नेताओं के पार्टी बदलने का मतलब यह नहीं है पार्टी के समर्थक और अन्य सदस्य उनके साथ जाएंगे.”
29 जून को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि हिमाचल प्रदेश में मौजूदा मौसम की स्थिति के कारण विपक्षी नेताओं की अगली बैठक शिमला से बेंगलुरु स्थानांतरित कर दी गई है.
खड़गे ने पहले कहा था कि समान विचारधारा वाले दलों की अगली बैठक हिमाचल प्रदेश के शिमला में होगी. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा विरोधी मोर्चे के गठन की रूपरेखा तैयार करने के लिए शिमला में बैठक करेंगे.
खड़गे ने टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, राजद नेता लालू प्रसाद यादव और पार्टी नेता राहुल गांधी सहित अन्य विपक्षी नेताओं की उपस्थिति में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम 2024 में भाजपा से लड़ने के लिए अपने-अपने राज्यों में काम करते हुए एक साथ आगे बढ़ने का एजेंडा तैयार करने के लिए जुलाई में शिमला में फिर से मिलेंगे.”
23 जून को बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार ने विपक्षी नेताओं की एक बैठक बुलाई थी जिसमें भाजपा के विरोधी दलों के नेताओं ने भाग लिया था.
इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, सांसद संजय राउत, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शामिल हुए थे.
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