नई दिल्ली : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने भतीजे और एनसीपी नेता अजित पवार के 18 विधायकों के साथ शिंदे सरकार के शामिल होने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे डकैती करार दिया और इसकी क्रेडिट प्रधानमंत्री मोदी को दी. उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़कर जाने वाले कुछ लोग ईडी की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं. हम पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए काम करेंगे.
वहीं इससे पहले आज अजीत पवार ने एनसीपी में बगावत कर दी. उन्होंने शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है. अजीत पवार पार्टी के 18 विधायक साथ शिंदे की सरकार में शामिल हुए हैं.
#WATCH | This is not 'googly', it is a robbery. It is not a small thing, says NCP chief Sharad Pawar on Ajit Pawar joining the NDA government in Maharashtra pic.twitter.com/uH4xqejsKs
— ANI (@ANI) July 2, 2023
एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा, “दो दिन पहले पीएम ने एनसीपी के बारे में कहा था…उन्होंने अपने बयान में दो बातें कही थी कि एनसीपी एक समाप्त पार्टी है. उन्होंने सिंचाई की शिकायत और भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र किया था. मैं खुश हूं कि मेरे कुछ साथियों ने शपथ ली. इससे (एनडीए सरकार में शामिल होने) साफ है कि उनके सभी आरोप सच साबित हुए हैं. मैं उनका आभारी हूं.”
यह “गुगली” नहीं, डकेती है. यह कोई छोटी बात नहीं.
उन्होंने कहा, “हम पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए काम करेंगे. विधायक और सारे वरिष्ठ नेता बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला करने के लिए एक साथ बैठेंगे. अध्यक्ष होने के नाते मैंने प्रफुल्ल पटेल और सुनील टटकरे को नियुक्त किया था लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाए. इसलिए, हमें उनके खिलाफ एक्शन लेना पड़ेगा.”
शरद पवार ने कहा, “मैं कभी नहीं कहूंगा कि मेरा घर बंट गया, यह मामला मेरे घर से जुड़ा नहीं, लोगों से जुड़ा है. मुझे उन लोगों के भविष्य की चिंता है जो चले गए. मैं इसकी क्रेडिट पीएम मोदी को देना चाहता हूं. दो दिन पहले उन्होंने बयान दिया था, बयान के बाद कुछ लोगों ने असहज महसूस करना शुरू किया, उनमें से कुछ ईडी की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं.”
पवार ने कहा, “मेरे कुछ साथियों ने अलग स्टैंड लिया. मैंने 6 जुलाई को सभी नेताओं की बैठक बुलाई थी, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जानी थी और पार्टी के अंदर कुछ बदलाव किए जाने थे, लेकिन मीटिंग से पहले कुछ नेताओं ने अलग स्टैंड लिया है.”
एनसीपी चीफ ने कहा कि विपक्ष का नेता तय करना स्पीकर का अधिकार है. अगले दो-तीन दिनों में हम स्थिति का आंकलन करने के लिए कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के साथ बैठक करेंगे. आम आदमी हमारी प्रमुख ताकत है, उन्होंने हमें चुना है.
एनसीपी चीफ ने कहा, “यह कोई नई बात नहीं है. इस पार्टी का मैं 1980 से नेतृत्व कर रहा था, तब 58 विधायक थे, इसके बाद सभी छोड़ गए और 6 एमएलए बचे थे, लेकिन मैंने संख्या बल मजबूत किया और जिन्होंने मुझे छोड़ा अपने चुनाव क्षेत्र में हार गए.”
पवार ने कहा, “मुझे बहुत सारे लोग के फोन कॉल्स आ रहे हैं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और बाकियों ने मुझे फोन किया. आज जो भी हुआ उसको लेकर मैं चिंतित नहीं हूं. कल, मैं वाईबी चव्हाण (महाराष्ट्र के पूर्व सीएम) का आशीर्वाद लूंगा और एक सार्वजनिक बैठक करूंगा.”
बता दें कि 2019 में भी अजीत पवार ने बगावत कर राजभवन में शपथ ली थी. उस वक्त देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि, यह सरकार चल नहीं पाई थी और 24 घंटे के भीतर गिर गई थी.
संजय राउत ने कहा- लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे
शिवसेना नेता (उद्धव गुट) के संजय राउत ने कहा, “कुछ लोगों ने महाराष्ट्र की राजनीति को साफ़ करने का बीड़ा उठाया है, उन्हें अपना काम करने दीजिए. मेरी अभी श्री शरद पवार से बात हुई. उन्होंने कहा, “मैं मजबूत हूं. हमें लोगों का समर्थन प्राप्त है. हम उद्धव ठाकरे के साथ मिलकर सब कुछ फिर से बनाएंगे.” जी हां, लोग इस गेम को ज्यादा दिनों तक बर्दाश्त नहीं करेंगे.”
महाराष्ट्राच्या राजकारणाचे साफ मातेरे करण्याचां विडा काही लोकांनी उचलला आहे.त्यांना त्यांच्या मार्गाने जाऊ द्या.
माझे आताच श्री.शरद पवार यांच्याशी बोलणे झाले.ते म्हणाले" मी खंबीर आहे.लोकांचा पाठिंबा आपल्याला आहे. उद्धव ठाकरें सह पुन्हा सर्व नव्याने उभे करू.". होय,जनता हे खेळ फार… pic.twitter.com/fsBbIZGoFE— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 2, 2023
राउत ने राजभवन में मौजूद बागी विधायकों का एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, “बीजेपी उन्हें जेल भेजने वाली थी. वह मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं.”
भाजपा ज्यांना तुरुंगात पाठवायला निघाले होते.
त्यांनाच मंत्री पदाची शपथ देत आहे.. https://t.co/L42b0t0Nyh— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 2, 2023
एक चैनल से बात करते हुए संजय राउत ने कहा, “जो कुछ चल रहा था वह हमें पहले से पता था. जल्द ही एकनाथ शिंदे पर अयोग्यता की तलवार गिरने वाली है. उनके साथ 16 विधायक टूटकर गए थे वे डिस्क्वालीफाइड हो जाएंगे और यह सरकार जाएगी, इसलिए भाजपा ने यह नया सपोर्ट लिया है. और महाराष्ट्र को चंद दिनों में एक और मुख्यमंत्री मिलेगा.”
महबूबा मुफ्ती ने कहा- बीजेपी शर्मनाक हरकतों में जुटी
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सीएम एकनाथ शिंदे सरकार में अजीत पवार के डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ लेने पर कहा कि बीजेपी महाराष्ट्र में जिस तरह एक पॉपुलर जनादेश को लगातार रौंद रही है उसकी जितनी निंदा की जाय कम है.
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि न केवल लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है, बल्कि ऐसे कृत्यों पर पर्दा डालने के लिए राष्ट्रगान बजाया गया. महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, ‘महाराष्ट्र में जिस तरीके से बीजेपी लगातार एक पॉपुलर जनादेश को रौंद रही है उसकी जितनी निंदा की जाय कम है. न केवल लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है बल्कि ऐसी शर्मनाक हरकतों पर पर्दा डालने के लिए राष्ट्रगान बजाया जा रहा है. एक तरफ बीजेपी अपने राजनीतिक विरोधियों को झूठे भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार कर रही है जबकि खुद विधायक खरीदने में लगी है. भाजपा की सत्ता की प्यास बुझाने के लिए जनता की गाढ़ी कमाई का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है.”
गौरतलब है कि इससे पहले उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली, महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकरा, जिसमें कांग्रेस शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल थी, एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद गिर गई थी. 21 जून 2022 को शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने 15 विधायकों संग बागी हो गए थे. इसके बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट से पहले अपना इस्तीफा दे दिया था और उनकी सरकार गिर गई थी.
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