नई दिल्ली : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने सोमवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की संलिप्तता थी.
माकपा के शीर्ष नेता ने यह आरोप उस वक्त लगाया है जब कुछ दिनों पहले ही पटना में विपक्षी दलों की बैठक में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी और माकपा महासचिव येचुरी एक साथ मौजूद थे.
हालिया पंचायत चुनाव का उल्लेख करते हुए येचुरी ने आरोप लगाया कि टीएमसी की सरकार के तहत चुनाव में हिंसा होना आम बात हो गई है.
उनका कहना है कि इस बार की हिंसा में 10 लोगों की मौत हुई है.
पंचायत चुनाव में हिंसा को लेकर चुनाव आयुक्त राज्यपाल से मिले
वहीं इससे पहले पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले हिंसा के मामलों को लेकर निर्वाचन आयुक्त (एसईसी) राजीव सिन्हा ने यहां राजभवन में राज्यपाल सी वी आनंद बोस से रविवार को मुलाकात की.
सिन्हा ने राज्यपाल से 2 घंटे से अधिक वक्त तक बातचीत की, हालांकि बैठक के बाद बाहर निकलते वक्त उन्होंने वहां इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों से कोई बातचीत नहीं की.
पंचायत चुनाव के लिए नामांकन के दौरान हत्या, हिंसा और झड़प की घटनाओं पर पूछताछ के लिए सिन्हा को तलब किया गया था, लेकिन वह बोस के समक्ष पेश नहीं हुए थे.
बोस ने पहले से कदम नहीं उठाने के लिए एसईसी की आलोचना की थी और कहा था कि सिन्हा को इस पद पर नियुक्त करते वक्त उन पर जो भरोसा किया गया, उन्होंने उसे तोड़ा है.
सिन्हा, राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए रविवार शाम राजभवन पहुंचे। इससे पहले दिन में राज्यपाल ने कहा था कि एसईसी उनसे मुलाकात करना चाहते हैं.
राज्यपाल बोस ने संवाददाताओं से कहा, ‘राज्य निर्वाचन आयुक्त ने मिलने का समय मांगा था। मैंने संकेत दिए थे कि मैं कुछ अहम बिंदुओं पर बातचीत करना चाहता हूं. जब वह तैयार हो जाएं तो वह आज या किसी भी दिन आ सकते हैं.’
उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव से जुड़े अहम मुद्दों पर आयुक्त से बात करना जरूरी था.
राज्यपाल ने हिंसा प्रभावित कुछ स्थानों का दौरा किया था.
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