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Sunday, 24 November, 2024
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‘गंभीर सुरक्षा का मामला’, हरियाणा में अमित शाह की रैली से पहले 130 लोगो को नोटिस जारी

जिन लोगों को नोटिस दिया गया उनमें सिरसा में सरपंच, किसान नेता और कांग्रेस और आप सदस्य शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि यह एक नियमित मामला है, लोगों का आरोप है कि भाजपा डरी हुई है कि 18 जून की रैली फ्लॉप न हो जाए.

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चंडीगढ़: 18 जून को एक वीवीआईपी कार्यक्रम का हवाला देते हुए, हरियाणा के सिरसा में जिला पुलिस ने 130 लोगों को नोटिस जारी कर शांति बनाए रखने के लिए कहा है. 18 जून को केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमित शाह उस दिन सिरसा में एक रैली करेंगे, जहां उनके 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के अभियान की शुरुआत करने की भी उम्मीद है.

जिन लोगों को नोटिस दिया गया है उनमें सरपंच, किसान संघ के कार्यकर्ता, आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के स्थानीय नेता शामिल हैं.

शाह की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब किसान कई मुद्दों पर सरकार के खिलाफ विरोध कर रहें है, और इस सप्ताह के शुरू में सरकार को एक आंदोलन के बाद सूरजमुखी के बीजों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की अपनी मांग को मानने के लिए मजबूर होना पड़ा.

हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के प्रमुख रणबीर सिंह समैन ने भी 8 जून को घोषणा की थी कि उनकी यूनियन ई-टेंडरिंग प्रक्रिया को खत्म करने और पंचायती राज अधिनियम के सभी प्रावधानों को बहाल करने की मांग को लेकर अमित शाह की रैली के दौरान विरोध प्रदर्शन करेगी.

पिछले महीने, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के जनसंवाद कार्यक्रम में कई हंगामा देखे गए. सिरसा के बानी गांव की सरपंच नैना झोरार ने अपना दुपट्टा खट्टर के पैरो में फेंक दिया, क्योंकि उन्हें खट्टर के सामने अपनी मांगों को रखने की अनुमति नहीं थी.

एक अन्य अवसर पर, दौंगड़ा अहीर के ग्रामीणों ने सिहमा गांव को अपने गांव के बजाय उप-तहसील का दर्जा देने के खिलाफ खट्टर के घर के बाहर धरना दिया.

जिन लोगों को नोटिस दिया गया है उनमें नैना झोरार, जोधपुरिया गांव के सरपंच वेद प्रकाश, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज कुमार शर्मा और किसान निकाय भारतीय किसान एकता (बीकेई) के प्रदेश अध्यक्ष लकविंदर सिंह औलख शामिल हैं.

बीकेई प्रमुख औलख ने आरोप लगाया कि सरकार उन्हें परेशान कर रही है क्योंकि उन्हें डर है कि रैली फ्लॉप हो जाएगी. “हमारे कई किसान कार्यकर्ताओं को इस तरह के नोटिस मिले हैं. यह साबित करता है कि भाजपा सरकार ब्रिटिश शासन की तरह काम कर रही है जिसमे किसी को भी अन्याय और उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने की इजाजत नहीं है.”

औलख ने कहा कि उनका बीकेई संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा है जिसने अब निरस्त कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर 13 महीने तक आंदोलन किया. उन्होंने अपने संगठन के सभी सदस्यों से कहा है कि वे इन नोटिसों को स्वीकार न करें.

उन्होंने कहा, “हम अपराधी नहीं हैं, न ही मेरे संगठन ने रैली का विरोध करने का कोई आह्वान किया है… खट्टर के जन संवाद कार्यक्रम के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि लोगों की अब भाजपा और उसके कार्यक्रमों में कोई दिलचस्पी नहीं है.

इस बीच, पुलिस ने कहा कि यह एक नियमित अभ्यास था. सिरसा के पुलिस अधीक्षक उदय सिंह मीणा ने कहा कि नोटिस का उद्देश्य रैली के दौरान शांति बनाए रखना था.

पुलिस ने फोन पर दिप्रिंट से गुरुवार को कहा, “हमने 130 व्यक्तियों को ऐसे नोटिस जारी किए हैं. ये वे लोग हैं जिनका अशांति पैदा करने का इतिहास रहा है. ये लोग किसी विशेष राजनीतिक दल या पेशे से नहीं हैं … राज्य के आपराधिक जांच विभाग ने हमें उन लोगों की एक सूची प्रदान की है जो रैली के दौरान परेशानी पैदा कर सकते हैं या लोगों को भड़काने के लिए सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट कर सकते हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “उन्हें सोशल मीडिया का उपयोग करने की स्वतंत्रता होगी. लेकिन स्वतंत्रता हमेशा जिम्मेदारी के साथ होती है.”


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‘शांति भंग’

ऐलनाबाद सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (जिसकी दिप्रिंट के पास एक कॉपी है) द्वारा 15 लोगों को जारी किए गए ऐसे ही एक नोटिस में लिखा है कि स्थानीय पुलिस ने इन व्यक्तियों के खिलाफ एक “कलंद्रा” दायर किया है.

कालंद्रा दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 107/150 के तहत नोटिस जारी करने के लिए मजिस्ट्रेट को पुलिस का सबमिशन है – शांति के आसन्न उल्लंघन के मामले में – अच्छे व्यवहार के संबंध के लिए हस्ताक्षर करना.

आदेश में कहा गया है, “कलंद्रा में कहा है कि, “18 जून को सिरसा में एक वीवीआईपी से जुड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है… सूची में उल्लिखित व्यक्ति कार्यक्रम के दौरान शांति भंग कर सकते हैं, जो एक गंभीर सुरक्षा मामला है.”

नोटिस में उल्लेखित लोगों को 16 जून को एसडीएम के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश देते हुए, उनके छह महीने के अच्छे व्यवहार का अवलोकन किया जाएगा और उन्हें जमानत के लिए 50, 000 देना होगा.

जिन प्रमुख स्थानीय नेताओं को नोटिस दिया गया है. उनमें कांग्रेस नेता राज कुमार शर्मा और उनके बेटे मोहित शर्मा शामिल हैं. शर्मा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की जिला इकाई के प्रतिनिधि हैं जबकि मोहित यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव हैं.

शर्मा ने गुरुवार को दिप्रिंट से कहा, “कल ही, मैंने एक प्रेस बयान जारी किया कि भाजपा 7,000 की क्षमता वाले अनाज बाजार में एक शेड में अमित शाह की रैली का आयोजन कर रही है और दावा कर रही है कि लाखों लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. आज, हमें ये नोटिस मिले हैं जिसके तहत हमें शुक्रवार को एसडीएम के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.”

उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पहले जब खट्टर ने सिरसा में जन संवाद किया तो उन्हें एक तरह से पूरे दिन नजरबंद किया गया था.

सिरसा के पूर्व सांसद और आप की प्रचार समिति के अध्यक्ष अशोक तंवर ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को ऐसे नोटिस मिले हैं.

उन्होंने आगे कहा, “जमीनी स्तर पर लोगों में भाजपा-जजपा सरकार के खिलाफ बहुत नाराजगी है. पिछले महीने सिरसा में खट्टर के जनसंवाद के दौरान यह स्पष्ट हो गया था. शिकायतों को दूर करने और अपने वादों को पूरा करने के बजाय, भाजपा दमनकारी तरीकों का सहारा ले रही है. ”

जबकि सिरसा से भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल ने इसे कानून और व्यवस्था का मुद्दा बताते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए गर्व और सौभाग्य की बात है कि अमित शाह ने इस साल हरियाणा में अपनी पहली रैली के लिए सिरसा को चुना है… वह काफी दयालु हैं की जिन्होंने यहां अपना अभियान शुरू करने का फैसला किया है. यह रैली एक बड़ी सफलता होगी.”

(संपादन/ अनुवाद : आशा शाह )

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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